श्रद्धा हत्याकांड की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को ट्रांसफर करने की मांग को लेकर दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हम मॉनिटरिंग एजेंसी नहीं हैं. पुलिस की जांच चल रही है. दिल्ली पुलिस की जांच पर संदेह क्यों करें. दखलअंदाजी करने वाले को प्रचार हित याचिका को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जा सकती. दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा कि किस वजह से आप CBI को मामले की जांच ट्रांसफर करवाने की मांग कर रहे हैं. जब परिवार वाले मामले की जांच CBI को ट्रांसफ़र करवाने की मांग नहीं कर रहा हैं, तो आप हमको जांच CBI को ट्रांसफर करने की इजाजत क्यों दें?
याचिकाकर्ता ने कहा घटना स्थल को सील नहीं किया गया है. मीडियाकर्मी अंदर जाकर चीजों को छू रहे है. छावला रेप केस में हमने देखा सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को रिहा कर दिया. दिल्ली की एक नागरिक और महिला के तौर पर मेरी दिलचस्पी यह जानने में है कि जांच सही तरीके से हुई है. मैंने मृतका के माता-पिता से संपर्क करने की कोशिश की. वे दिल्ली में नहीं हैं, महाराष्ट्र में हैं. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह और भी बुरा है.
ये याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में वकील जोशिनी तुली ने दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि घटना 6 महीने पुरानी है. दिल्ली पुलिस मामले की सही जांच नहीं कर पाएगी. दिल्ली पुलिस के पास वैज्ञानिक और प्रशासनिक कर्मचारियों की कमी है. साथ ही वैज्ञानिक उपकरणों की कमी के चलते सही तरीके से जांच नहीं कर पाएगी. दिल्ली पुलिस मामले से जुड़ी जांच के बारे में हर जानकारी मीडिया में दे रही है, जिसकी कानून के अनुसार अनुमति नहीं है. दिल्ली पुलिस के पास इतना तकनीकी संसाधन नहीं है कि वो सबूतों और गवाहों को तलाश सके.
दिल्ली पुलिस ने कहा यह याचिका सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दाखिल की गई है. दिल्ली पुलिस की एक टीम हिमाचल और दूसरी टीम बॉम्बे में जांच कर रही है. इस मामले की निगरानी विशेष सीपी कानून व्यवस्था कर रहे है. आईटी जांच सेल की विशेष टीम काम कर रही है. टीम में 200 लोग हैं.
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि 80% जांच पूरी हो चुकी है, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, एसीपी (साइबर सेल) और 200 पुलिस अधिकारियों की एक टीम जांच में शामिल हैं.