पात्रा चॉल घोटाले मामले में ED ने शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) को हिरासत में ले लिया है. ED की टीम रविवार सुबह मुंबई स्थित संजय राउत (Sanjay Raut) के घर पहुंची और उनसे मामले से जुड़ी पूछताछ की. ED ने राउत (Sanjay Raut) को हिरासत में लेने से पहले उन्हें दो बार समन भी जारी किया था, लेकिन राउत एक बार भी पेश नहीं हुए. ED के अधिकारी रविवार सुबह करीब 7 बजे शिवसेना नेता संजय राउत के आवास पर पहुंचे थे. राउत से पात्रा चाल भूमि घोटाला मामले में पूछताछ की गई. जांच एजेंसी की टीम के साथ सीआरपीएफ के अधिकारी भी थे.
हिरासत में लिए जाने के बाद संजय राऊत मकान से बाहर निकले. घर से निकलने पहले संजय राउत ने अपनी मां को गले लगाया. इस दौरान उनकी मां भावुक हुईं. मां को गले लगाकर संजय राउत ने कुछ बातें कहीं, इसके बाद वो घर से बाहर निकले. इस दौरान उन्होंने गले में केसरिया मफलर लपेटा हुआ था. उन्होंने दोनों हाथ ऊपर उठाकर समर्थकों को दिखाया. साथ ही केसरिया मफलर हवा में लहराया.
पात्रा चाल भूमि घोटाला मामले में ईडी की तीन टीमें अलग-अलग जगहों पर सर्च कर रही है. इनमें से एक टीम संजय राउत (Sanjay Raut) के मुंबई निवास पर पहुंची. संजय राउत ने पतरा चाल भूमि घोटाले में अपनी किसी भूमिका से इनकार किया. उन्होंने कहा है कि 'महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी.'
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही ED दफ्तर के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए शिवसेना सांसद ने कहा था कि मुझे किसी तरह का भय नहीं है, क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी में कभी भी कोई गलती नहीं की है. उन्होंने कहा था कि यदि यह राजनीतिक साजिश है तो इसकी जानकारी बाद में मिल जाएगी. पात्रा चॉल भूमि घोटाले के बारे में बात करते हुए शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा,”मेरा पत्रा चाल से कोई संबंध नहीं है. वो चाल कहां है ये भी पता नहीं. मैंने आज तक कोई गलत काम नही किया है.”
दरअसल, इस पूरे मामले में ED का दावा है कि पात्रा चॉल के 672 परिवारों के पुनर्वास के लिए सोसायटी, म्हाडा और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था. गुरू आशीष कंपनी के डायरेक्टर थे HDIL के राकेश वाधवान, सारंग वाधवान और प्रवीण राऊत. कंपनी पर आरोप है कि उसने महाडा को गुमराह कर वहां की FSI पहले तो 9 दूसरे बिल्डरों को बेच कर 901 करोड़ जमा किए. फिर मिडोज नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर 138 करोड़ रुपए फ्लैट बुकिंग के नाम पर वसूले लेकिन 672 असली किरायेदारों को उनका मकान नही दिया. इस तरह कंपनी ने 1039.79 करोड़ बनाए।
ED का आरोप है कि बाद में HDIL ने गुरु आशीष कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण राऊत को 100 करोड़ रुपए दिए जिसमे से प्रवीण राऊत ने 55 लाख रुपए संजय राऊत की पत्नी वर्षा राऊत को दिए थे जो मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा है. ED इसके पहले शिवसेना नेता संजय राऊत की अलीबाग की जमीन और दादर का फ्लैट कुर्क करने की नोटिस दे चुकी है.