2 years ago
                                                                                                    
                                                                                                        नई दिल्ली: 
                                                    
                                            शिवसेना (उद्धव गुट) बनाम शिवसेना (शिंदे गुट) विवाद में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा इस संविधान पीठ में शामिल थे. पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले को संविधान की व्याख्या के अनुसार कानून के अन्य महत्वपूर्ण सवालों के साथ देखा. साथ ही फैसले में कहा कि उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा न दिया होता तो राहत दे सकते थे.
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:28 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 सुप्रीम कोर्ट ने कहा - पुरानी स्थिति बहाल नहीं कर सकते,  उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया. ऐसे में उनको बहाल नहीं कर सकते.
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:28 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनी रहेगी.
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:28 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका - सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी सरकार बहाल नहीं कर सकते. उन्होंने स्वैच्छिक इस्तीफा दे दिया था.
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:24 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 स्पीकर अयोग्यता के मामले को समय सीमा में निपटारा करे- CJI
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:23 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 जहां उद्धव ठाकरे के फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया. उन्होंने इस्तीफा दिया था. ऐसे में कोर्ट इस्तीफे को रद्द तो नहीं कर सकता है.- CJI
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:22 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट को गलत ठहराया
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                                                                            May 11, 2023 12:21 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 गवर्नर ने शिंदे और समर्थक विधायकों की सुरक्षा को लेकर पत्र आया. राज्यपाल को इस पत्र पर भरोसा नहीं करना चाहिए था. क्योंकि इसमें कहीं नहीं कहा गया था सरकार बहुमत में नहीं रही- CJI
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:20 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 राज्यपाल ये नहीं समझ सकते थे कि उद्धव ठाकरे बहुमत खो चुके हैं. गवर्नर के समक्ष ऐसा कोई दस्तावेज नहीं था, जिसमें कहा गया कि वो सरकार को गिराना चाहते हैं. केवल सरकार के कुछ फैसलों में मतभेद था- सुप्रीम कोर्ट
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                                                                 सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल पर उठाए बड़े सवाल - वो ऐसे शक्ति का इस्तेमाल नहीं कर सकता जो संविधान या कानून ने उसे नहीं दी.
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:17 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 गवर्नर ने कहा था कि एक गुट शिवसेना से निकल सकता है, अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में नहीं था. क्योंकि उस समय विधानसभा नहीं चल रही थी- CJI
                                                        Advertisement
                                                    
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:16 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 गवर्नर की भूमिका के बारे में भी हमनें विस्तार से आदेश में लिखा है. क्योंकि याचिकाकर्ता ने गवर्नर की भूमिका पर सवाल उठाया है- CJI
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:16 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 स्पीकर के समक्ष अयोग्यता की कार्यवाही को ECI के समक्ष कार्यवाही के साथ नहीं रोका जा सकता. यदि अयोग्यता का निर्णय ECI के निर्णय के लंबित होने पर किया जाता है और ECI का निर्णय पूर्वव्यापी होगा और यह कानून के विपरीत होगा- सुप्रीम कोर्ट
                                                        Advertisement
                                                
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:14 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 यह मानना कि चुनाव आयोग को सिंबल के आदेश तय करने से रोक दिया गया, चुनाव आयोग के समक्ष अनिश्चितकाल तक कार्यवाही को रोकने जैसा होगा. साथ ही स्पीकर के लिए निर्णय लेने का समय अनिश्चित होगा. ईसीआई के पास चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी और नियंत्रण है. इसे लंबे समय तक संवैधानिक कर्तव्य का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है- सुप्रीम कोर्ट 
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:13 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 शिंदे के बयान का संज्ञान लेने पर स्पीकर ने व्हिप कौन था, इसकी पहचान करने का काम नहीं किया. उन्हें जांच करनी चाहिए थी. गोगावाले को मुख्य सचेतक नियुक्त करने का निर्णय अवैध था. व्हिप केवल विधायी राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त किया जा सकता है- सुप्रीम कोर्ट
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:11 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 सुप्रीम कोर्ट ने माना शिवसेना - पार्टी के व्हिप के रूप में गोगावाले (शिंदे समूह द्वारा समर्थित) को नियुक्त करने का स्पीकर का फैसला अवैध था.
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:10 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 स्पीकर को केवल राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त व्हिप को ही मान्यता देनी चाहिए. स्पीकर को गोगावले को व्हिप की मान्यता नहीं देनी चाहिए थी- SC
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:10 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 इसका मतलब है कि विधायकों का समूह राजनीतिक दल से अलग हो सकता है. पार्टी द्वारा व्हिप नियुक्त किया जाना 10वीं अनुसूची के लिए महत्वपूर्ण है- सुप्रीम कोर्ट
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:09 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 यह मानना कि विधायक दल ही व्हिप नियुक्त करता है, राजनीतिक दल के एमबिलिकल को तोड़ना होगा- सुप्रीम कोर्ट
                                                        
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:07 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 स्पीकर को पता था कि शिवसेना में दो गुटों में मतभेद है- सुप्रीम कोर्ट
स्पीकर को पता था कि शिवसेना में दो गुटों में मतभेद है- सुप्रीम कोर्ट
                                                        स्पीकर को पता था कि शिवसेना में दो गुटों में मतभेद है- सुप्रीम कोर्ट
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:07 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र विवाद पर फैसला सुना रहा है
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                                                        सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र विवाद पर फैसला सुना रहा है
                                                                        
                                                                            May 11, 2023 12:06 (IST)                                                                        
                                                                    
                                                                 16 मार्च को संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
इस केस में नौ दिनों की सुनवाई के बाद 16 मार्च को संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे गुट, एकनाथ शिंदे गुट और राज्यपाल की दलीलें सुनी थीं.
                                                        इस केस में नौ दिनों की सुनवाई के बाद 16 मार्च को संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे गुट, एकनाथ शिंदे गुट और राज्यपाल की दलीलें सुनी थीं.
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