गुवाहाटी में सात धार्मिक स्थलों को जलमार्गों से जोड़ा जाएगा. बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने गुरुवार को ये जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि वह अंतर्देशीय जलमार्गों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
इस क्रम में, ब्रह्मपुत्र नदी पर विकसित किए जा रहे ‘नदी आधारित पर्यटन सर्किट' के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई), सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एसडीसीएल), असम पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (एटीडीसी) और अंतर्देशीय जल परिवहन निदेशालय (डीआईडब्ल्यूटी) शुक्रवार को गुवाहाटी में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे.
बयान के अनुसार, परियोजना को सागरमाला कार्यक्रम के तहत 40-45 करोड़ रुपये की शुरुआती लागत से विकसित किया जा रहा है.
बयान में बताया गया, एसडीसीएल और आईडब्ल्यूएआई परियोजना लागत का 55 प्रतिशत योगदान संयुक्त रूप से देंगे, जबकि शेष एटीडीसी द्वारा या जाएगा. डीआईडब्ल्यूटी ने परियोजना के लिए मंदिरों के पास घाटों का मुफ्त उपयोग करने की सहमति दी है.
इस परियोजना के अंतर्गत गुवाहाटी में स्थित सात ऐतिहासिक मंदिरों- कामाख्या, पांडुनाथ, अश्वकलांता, डौल गोविंदा, उमानंद, चक्रेश्वर और औनियाती सतरा को जोड़ा जाएगा.
बयान के अनुसार, परिक्रमा हनुमान घाट, उजान बाजार से निकलेगी और जलमार्ग से उपरोक्त सभी मंदिरों को पार करते हुए अपनी यात्रा पूरी करेगी. जलमार्ग से पूरी परिक्रमा को पूरा करने के समय में दो घंटे तक की कमी आएगी.
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