स्कूली छात्राओं को देना होगा मुफ्त सैनिटरी पैड, 4 हफ्ते में यूनिफार्म पॉलिसी बनाए केंद्र - SC

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में यूनिफार्म पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि ये महत्वपूर्ण मामला है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल करने को कहा है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
कोर्ट ने केंद्र सरकार को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल करने को कहा है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देशभर के स्कूलों में छह से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड मुहैया कराने का निर्देश देने की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में यूनिफार्म पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि ये महत्वपूर्ण मामला है. केंद्र सरकार को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल करने को कहा है. 

स्वास्थ्य और परिवार मामलों के मंत्रालय में सचिव राज्य सरकारों के साथ बातचीत करने के लिए नोडल अधिकारी होंगे. केंद्र तीन महीने में दाखिल करेगा अपडेट स्टेटस रिपोर्ट. सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी  ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह युवा और किशोर लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता तक पहुंच में सुधार करने के लिए समर्पित है. लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की है, क्योंकि सार्वजनिक स्वास्थ्य राज्य का विषय है. 

CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने आदेश दिया. उन्होंने कहा कि यह उचित होगा कि केंद्र सरकार सभी एसजी/यूटी के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करे कि मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर समायोजन करने के लिए एक समान राष्ट्रीय नीति तैयार की जाए. उठाए गए मुद्दे के महत्व को ध्यान में रखते हुए, हम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सचिव, एमएचएफडब्ल्यू को अपनी मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन रणनीतियों और योजनाओं को प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं, जिन्हें या तो केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए धन से या अपने स्वयं के धन के माध्यम से निष्पादित किया गया हो. 

Advertisement

कोर्ट ने कहा कि उपरोक्त निर्देश के अलावा राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एनएचएम के मिशन स्टायरिंग ग्रुप को अपने संबंधित क्षेत्रों के आवासीय और गैर आवासीय विद्यालयों के लिए लड़कियों के लिए शौचालयों के अनुपात और कम लागत वाली वेंडिंग मशीन या सैनिटरी पैड प्रदान करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी बताएंगे. इस मशीन की व्यवस्था करने के अलावा, वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सेनेटरी पैड के सुरक्षित निपटान के लिए निपटान तंत्र उपलब्ध हो. 

Advertisement

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम  कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया था . याचिकाकर्ता  जया ठाकुर ने कहा कि गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली 11 से 18 वर्ष की आयु की किशोरियों को गंभीर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर भारत सरकार और राज्यों को छठी से 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त में सैनिटरी पैड मुहैया कराने की मांग की गई है.  

Advertisement

साथ ही सभी सरकारी सहायता प्राप्त और आवासीय स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश कांग्रेसी नेता जया ठाकुर ने कहा है  कि गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली 11 से 16 साल की उम्र की लड़कियां अक्सर हाइजीन मेनटेंन नहीं कर पाती हैं. सरकार द्वारा जो कदम उठाए जा रहे हैं वे पूरे देश में सभी लड़कियों को कवर करने में सक्षम नहीं हैं. 

Advertisement

याचिका में आगे अदालत से तीन चरणों में जागरूकता कार्यक्रम प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्यों को निर्देश देने की प्रार्थना की गई है. 

यह भी पढ़ें -

-- ईस्टर पर विभिन्न बिशप के आवास पहुंचे भाजपा नेता, कांग्रेस ने इसे बताया ‘मजाक'
-- उत्तराखंड: वाहन दुर्घटनाग्रस्त में 3 बच्चों की मौत, हादसे से पहले वाहन से कूदा चालक

Featured Video Of The Day
Pallavi Patel On Maha Kumbh: Maha Kumbh को लेकर खूब गरजीं सपा विधायक | Yogi Adityanath | UP News
Topics mentioned in this article