उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 'गैरकानूनी धर्मांतरण' कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने फिलहाल कानून पर रोक नहीं लगाई है लेकिन दोनों राज्यों को नोटिस जारी कर सरकारों से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट कानूनों की संवैधनिकता को परखेगा. बता दें कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कानून पर रोक लगाने की मांग की थी.
उल्लेखनीय है कि दो वकीलों और एक कानून शोधकर्ता के अलावा एक एनजीओ ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था इस कानून का दुरुपयोग किसी को भी गलत तरीके से फंसाने के लिए किया जा सकता है.
बता दें कि देश के कुछ राज्यों में धर्मांतरण रोधी कानून बनाया है जिसके विभिन्न प्रावधानों को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों एवं राजनीतिक दलों की अलग-अलग राय है. एक पक्ष जहां इस कानून के दुरुपयोग की आशंका पर चिंता जाहिर कर रहा है तो वहीं दूसरा पक्ष इसे गंगा जमुनी तहजीब के लिए जरूरी मान रहा है.