पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद भड़की हिंसा (West Bengal post poll violence case) की SIT से जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.दरअसल, रंजना अग्निहोत्री और एक अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के बाद 2 मई से शुरु हुई राजनीतिक हिंसा की अदालत की निगरानी में SIT से जांच की मांग की है. याचिका में सभी पीड़ितों को मुआवजा देने के आदेश जारी करने की मांग भी की गई है.
याचिका में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकार को वैसे लोगों का पुनर्वास कराने के आदेश दिया जाएं, जो अपना घर छोड़कर असम या अन्य राज्यों में विस्थापित हो गए हैं. याचिका में केंद्र सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने जैसे कदम उठाने के निर्देश देने की भी मांग की गई है. इसके अलावा याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार को राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती के आदेश दिए जाएं.
बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा खतरनाक और परेशान करने वाली : राज्यपाल धनखड़
कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने मामले से खुद को अलग करते हुए कहा था, "मैं मामले की सुनवाई नहीं करना चाहती." जस्टिस बनर्जी कोलकाता से हैं.
बता दें कि चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर सियासी हिंसा हुई थी. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इन घटनाओं में 10 जून दोपहर 12 बजे तक 3243 लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य की मुख्य विपक्षी रपार्टी बीजेपी इस हिंसा के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाती रही है, जबकि टीएमसी इससे इनकार करती रही है. इसी मुद्दे पर राज्य के गवर्नर और सीएम के बीच कई बार ठन चुकी है.