संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court )को बताया कि तीन अभ्यर्थियों की याचिका में उठाया गया मुद्दा ‘‘बहुत जटिल'' हैं.इन अभ्यर्थियों ने यूपीएससी 2021 में प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली थी लेकिन कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के कारण मुख्य परीक्षा में नहीं बैठ सके थे. अब वे UPSC परीक्षा में बैठने का एक और मौका देने की मांग कर रहे हैं.याचिकाकर्ताओं ने UPSC को नतीजे आने से पहले उन्हें परीक्षा में बैठने का अतिरिक्त मौका देने या बाकी के उन पेपर को देने की कोई व्यवस्था करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है जिनमें वे बैठ नहीं पाए थे.
UPSC की ओर से पेश हुए वकील ने SC को बताया कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई भी फैसला लेने से पहले निर्देश लेने होंगे और सभी पहलुओं को पेश करना होगा.UPSC के वकील ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की बेंच से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह मुद्दा बहुत, बहुत जटिल है. मुझे लगता है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले मुझे निर्देश लेने होंगे और आपके समक्ष सभी पहलुओं को पेश करना होगा.''बेंच ने मामले पर सुनवाई के लिए 21 मार्च की तारीख तय कर दी और कहा कि अगली सुनवाई पर सभी पक्ष हलफनामे दायर करें.
तीन में दो याचिकाकर्ता शुरुआत के कुछ पेपर देने के बाद सात से 16 जनवरी के बीच हुई मुख्य परीक्षा में नहीं बैठे थे जबकि तीसरा अभ्यर्थी कोविड के कारण किसी भी परीक्षा में नहीं बैठ पाया था.सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने पीठ को बताया कि उन्होंने याचिका की प्रति प्रतिवादियों केंद्र और यूपीएससी को दी है. पीठ ने याचिकाकर्ताओं को याचिका की प्रति संबंधित प्रतिवादियों के स्थायी वकील को देने के लिए कहा था.याचिकाकर्ताओं ने वकील शशांक सिंह के जरिए दायर याचिका में कहा है कि वे 13, 14 और छह जनवरी को आरटीपीसीआर जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए जिसके कारण वे यूपीएससी की मुख्य परीक्षा नहीं दे पाए थे.
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