पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले (Sandeshkhali) में सीबीआई ने 5 जनवरी को ईडी अफसरों पर हुए हमले के मामले में तीन अलग अलग एफआईआर दर्ज की हैं. हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने बंगाल पुलिस से केस टेकओवर करके तीन एफआईआर दर्ज की हैं. दरअसल पश्चिम बंगाल पुलिस ने कुल 3 एफआईआर दर्ज की थीं, जिनमें दो FIR ईडी के डिप्टी डायरेक्टर की शिकायत पर दर्ज की गईं और तीसरी एफआईआर संदेशखाली के पास पड़ने वाले नजत पुलिस ने सुमोटो लेकर दर्ज की थी.
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CBI ने दर्ज कीं तीन FIR
अब इन तीनों एफआईआर को सीबीआई ने दर्ज किया है. 2 एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ और तीसरी एफआईआर में अज्ञात लोगों के साथ शाहजहां शेख के खिलाफ दर्ज की गई है. सीबीआई मंगलवार को शेख शाहजहां की कस्टडी और केस डायरी लेने गई थी, लेकिन बंगाल पुलिस ने केस डायरी और कस्टडी देने से मना कर दिया था. दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को संदेशखाली मामले के आरोपी शाहजहां शेख को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था. इसके लिए अदालत ने समय सीमा भी तय कर दी थी. हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को शाहजहां शेख और मामले से जुड़ी सभी सामग्री सौंपने के लिए आज शाम 4.30 बजे तक का समय दिया.
SC ने बंगाल सरकार को CJI के पास जाने को कहा
वहीं बंगाल सरकार चाहती थी कि सुप्रीम कोर्ट मामले में दखल देते हुए तत्काल सुनवाई करे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से मना करके सीजेआई के पास जाने को कहा है.सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई का समय देने से इनकार करते हुए कहा कि सुनवाई कब और कहां हो,ये CJI तय करेंगे.
शाहजहां शेख पर क्या है मामला?
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में पांच जनवरी को करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर उस वक्त हमला कर दिया था, जब वे राज्य में कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में शेख के परिसर पर छापेमारी के लिए गये थे. अधिकारी ने बताया, "हमें जानकारी मिली थी कि उसके घर पर भारी मात्रा में हथियार और करोड़ों की नकदी थी, इसीलिए भीड़ के हमले की साजिश रच शाहजहां को भगाने में मदद की गई. शाहजहां के हथियार, नकदी और नकदी को छिपाने में बंगाल पुलिस और सरकार की भूमिका और फोन की जांच होनी चाहिए.''
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