उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे का काम पूरा किया गया. इस दौरान इलाके में शांति बनाए रखने के लिए भारी मात्रा में पुलिस और सुरक्षा बल भी तैनात किए गए थे. बावजूद इसके इलाके में पत्थरबाजी के साथ-साथ वाहनों में आग लगाने की घटनाएं भी सामने आई. इसके बाद हिंसा भड़क उठी. संभल में हुई हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही पुलिस ने इंटरनेट सेवा को भी 24 घंटों के लिए बंद कर दिया है. इतना ही नहीं दंगे भड़काने के आरोप में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यहां देखें संभल हिंसा से जुड़े सारे अपडेट्स:
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संभल में हुई हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण- भाजपा सांसद साक्षी महाराज
भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की हम निंदा करते है. जो कुछ हुआ है, उसकी जांच की हम मांग करते है. जो भी इस मामले में आरोपी है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
संभल हिंसा सोची समझी रणनीति का हिस्सा- अफजाल अंसारी
अफजाल अंसारी ने कहा कि हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है. सोची समझी रणनीति के तहत पहले उत्तेजना फैलाई गई और फिर नियंत्रण करने के नाम पर बेगुनाहों के साथ गलत कार्रवाई की गई.
विहिप ने की संभल हिंसा में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ रासुका लगाने की मांग
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने संभल हिंसा मामले में शामिल लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की. विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने कहा कि हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई भी उनसे की जाए.
जैन ने कहा, ‘‘जिस तरह से मुस्लिम कट्टरपंथियों ने संभल में पुलिस पर पथराव किया, गोलियां चलाईं और आगजनी की, वह बेहद निंदनीय है। जिस तरह से मुस्लिम नेताओं, मौलानाओं के साथ ही कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने इस हिंसा का समर्थन किया है, वह भी चिंताजनक है।’’
तेजस्वी यादव ने संभल हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मस्जिद के सर्वे को लेकर उत्पन्न सांप्रदायिक तनाव के लिए सोमवार को सीधे तौर पर वहां के सत्तारूढ़ दल भाजपा को जिम्मेदार ठहराया.
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इस घटना का उद्देश्य ‘‘देश भर में सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करना’’ था. उन्होंने भाजपा को ‘‘यहां भी इसी तरह की चालें चलने’’ के खिलाफ चेतावनी दी.
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता यादव ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में जो कुछ हो रहा है, वह निंदनीय है. हम योगी आदित्यनाथ सरकार में पुलिस और प्रशासन की गुंडागर्दी देख रहे हैं, क्योंकि उन्हें अब कानून के शासन से कोई सरोकार नहीं है.’’
सुप्रीम कोर्ट संभल मामले का संज्ञान लेकर उठाए सख्त कदम- सांसद बर्क
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि आज हमने अपनी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में लोकसभा स्पीकर से मुलाकात की है. मैं सुप्रीम कोर्ट से भी गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले का संज्ञान लेकर सख्त कदम उठाए. जिस तरह से पूर्व नियोजित तरीके से मासूमों की हत्या की है और इस घटना को अंजाम दिया गया है, वह बेहद अफसोस की बात है. मेरी मांग है कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं, उन पर हत्या का केस दर्ज कर कार्रवाई हो."
पुलिस अपनी लापरवाही छिपाना चाहती है, इसलिए एफआईआर दर्ज की गई- सपा सांसद
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसका सीधा सा मतलब यही है कि पुलिस अपनी लापरवाही छिपाना चाहती है और उसके आरोप मुझ पर मढ़ना चाहती है, ताकि मैं अपने क्षेत्र के लोगों की जायज आवाज को ना उठा सकूं. वह लोग गलतफहमी के शिकार हैं, मुझे खुद से ज्यादा अपने क्षेत्र के उन लोगों की फिक्र है, जिनकी हत्या हुई है या फिर उन लोगों की, जिन पर झूठा केस दर्ज किया गया है.
संभल में इंटरनेट और स्कूल बंद
संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है. डीआईजी के अनुसार, हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है.
संभल जिला प्रशासन ने लगाई कई पाबंदियां
संभल में रविवार को भड़की हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने बेकाबू स्थिति से निपटने के लिए सोमवार को कई तरह की पाबंदियां लगाने का आदेश जारी किया है. इस आदेश के मुताबिक, कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा. ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा. इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा.
संभल जाने से रोके गए चंद्रशेखर बोले- यूपी में गोलियों से हो रहा न्याय
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद को सोमवार को संभल जाने से प्रशासन ने हापुड़ में रोक दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उप्र में गोलियों के द्वारा न्याय किया जा रहा है. संभल जा रहे सांसद चंद्रशेखर रावण को पुलिस ने हापुड़ में पिलखुवा के टोल प्लाजा पर रोक लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि चाहे सीए का आंदोलन हो, किसानों और एससी एसटी के बच्चों का आंदोलन, यूपी में लगातार गोलियां चल रहीं हैं. यहां गोलियों द्वारा न्याय किया जा रहा है.
800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि हिंसा में घायल हुए दारोगा दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, जिनमें बर्क और इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- यह हत्या है
संभल में पथराव की घटना पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि संभल की मस्जिद 50-100 साल पुरानी नहीं है, यह 250-300 साल से अधिक पुरानी है और अदालत ने लोगों की बात सुने बिना एक पक्षीय आदेश पारित कर दिया.''मस्जिद जो गलत है...जब दूसरा सर्वे हुआ तो कोई जानकारी नहीं दी गई...लोग जिस सर्वे का दावा कर रहे हैं उसका वीडियो पब्लिक डोमेन में है. जिसमें दिख रहा है कि सर्वे के लिए आए लोगों ने भड़काऊ नारे लगाए थे. हिंसा हुई, तीन मुसलमानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हम इसकी निंदा करते हैं. यह गोलीबारी नहीं बल्कि हत्या है..'' पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
संभल हिंसा और SP सांसद के खिलाफ एफआईआर होने को लेकर अखिलेश यादव ने कही ये बात
संभल में पथराव की घटना पर समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "हमारे सांसद जियाउर्रहमान संभल में थे ही नहीं और इसके बावजूद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है. कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए. 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगली सुबह 24 तारीख को दूसरा सर्वे किया जाएगा. पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया? जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं. जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है. इससे कई लोग घायल हो गए. 5 निर्दोष लोगों की मौत हो गई. संभल का माहौल खराब करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लोगों के साथ-साथ याचिका दायर करने वाले लोग भी जिम्मेदार हैं. उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए ताकि लोगों को न्याय मिल सके और भविष्य में कोई भी संविधान और न्याय के खिलाफ ऐसी गैरकानूनी घटना न कर सके दिया जा सकता है."
संभल हिंसा पर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कही ये बात
संभल पथराव की घटना पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "सरकार संभल की घटना पर राजनीति करने की कोशिश कर रही है. प्रदेश में नफरत की राजनीति की जा रही है. इसकी गहन जांच होनी चाहिए. हम इसको लेकर मौन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आने वाले समय में मेरे साथ कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल संभल जाएगा."
संभल जा रहे आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर को हापुड़ में रोकने की कोशिश की गई
आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को पुलिस ने हापुड़ में रोकने की कोशिश की. चंद्रशेखर संभल जाना चाहते हैं. पुलिस ने पूरे रास्ते में चंद्रशेखर समेत किसी भी नेता को संभल ना जाने देने के लिए कड़े सुरक्षा के इंतज़ाम किए हैं.
साजिश के तहत की गई हिंसा - संभल डीएम राकेश पेनसिया
संभल के डीएम राकेश पेनसिया और एसपी कृष्ण बिश्नोई ने पीसी कर बताया कि सर्वे खत्म होने के बाद साजिश के तहत हिंसा की गई है. इस मामले में अबतक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ड्रोन फुटेज के आधार पर लोगों के पासपोर्ट साइज इमेज बनाकर पहचान की जा रही है. उन्होंने बताया कि फिलहाल क्षेत्र में शांति है.
पुलिस के हाथ लगे कुछ वीडियो
पुलिस के हाथ कुछ वीडियो लगे हैं जिसमें देखा जा रहा है कि ज्यादातर दंगाइयों ने चेहरे पर कपड़ा बांध रखा है और गाड़ियों की तोड़फोड़ कर रहे हैं या फिर पत्थर फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं. एक तरफ दंगाइयों की भीड़ खड़ी है जो हाथों में पत्थर लिए हुए है तो दूसरी तरफ पुलिस के जवान तैनात है जिससे इस भीड़ को आगे न बढ़ने दिया जा सके.
संभल घटना पर ये बोले जियाउर्रहमान
जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि, "संभल में हमारे नौजवानों की जान गई है और इसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट हथियार से गोली चलाई है. ऐसे लोग जेल में जाएं ताकि उनके परिवार वाले को इंसाफ मिल सके. अगर कोर्ट का आदेश था तो सर्वे तो पहले हो चुका था. ऐसा कौन सी इमरजेंसी थी कि आप तुरंत सर्वे करने फिर से पहुंच गए. कोर्ट कमिश्नर ने खुद ही कहा था कि सर्वे हो चुका है. उनके पास कोर्ट का आदेश नहीं था".