राजस्थान में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और सचित पायलट के बीच की खींचतान खत्म होती नहीं दिख रही है. अब सचिन पायलट ने एक बार फिर से अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक दिन के अनशन पर बैठने का ऐलान किया है. उन्होंने गहलोत सरकार से वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली बीजेपी सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
सचिन पायलट ने कहा कि लोगों को आश्वस्त करना आवश्यक था कि कांग्रेस सरकार 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने बयानों और वादों पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार आबकारी माफिया, अवैध खनन, जमीन पर कब्जा और ललित मोदी शपथ पत्र मामले में कार्रवाई करने में विफल रही है. पायलट ने वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाते हुए गहलोत के पुराने वीडियो चलाए और पूछा कि उन्होंने इन मामलों में कोई जांच या जांच शुरू क्यों नहीं की.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के पास पूर्व की बीजेपी सरकार के खिलाफ सबूत थे लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं की. साथ ही सचिन पायलट ने कहा, "हम इन वादों को पूरा किए बिना चुनाव में नहीं जा सकते, हमारे पास सबूत हैं. हमें कार्रवाई करनी चाहिए थी, हमें जांच करनी चाहिए. अब हम चुनाव में जा रहे हैं. जल्द ही आदर्श आचार संहिता लागू होगी. हम लोगों के प्रति जवाबदेह हैं." .
सचिन पायलट ने यह भी कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व को कई सुझाव दिए थे और उनमें से एक इन मुद्दों पर कार्रवाई करना था. पायलट ने कहा, "यह हमारी सरकार है और हमें कार्रवाई करने की जरूरत है. इसलिए लोगों का हम पर भरोसा है." पायलट की भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस राजस्थान में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और विधानसभा उपचुनावों के लिए कमर कस रही है. पायलट के कदम को गहलोत पर दबाव बनाने और राज्य की राजनीति में अपना प्रभाव बढ़ाने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है.
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