- सबरीमला मंदिर की चौखट और द्वारपालों के कवच से सोने की चोरी मामले में कोर्ट ने पुलिस जांच का आदेश दिया है
- हाईकोर्ट के जजों ने FIR का आदेश देते हुए कहा कि शुरुआती जांच से लगता है कि सोने की हेराफेरी की गई है
- 39 दिनों तक गायब रहने के दौरान सोने की ये वस्तुएं कई मंदिरों, एक मलयालम एक्टर के घर तक ले जाई गई थीं
सबरीमला मंदिर की गोल्डन चौखट और द्वारपालों के स्वर्ण कवच से सोने की चोरी के मामले में केरल हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करके जांच शुरू करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि जांच से लगता है कि सोने की हेराफेरी की गई है. इस बीच NDTV की छानबीन से पता चला है कि 39 दिनों तक गायब रहने के दौरान सोने की ये वस्तुएं कहां-कहां गई थीं. इन्हें एक मलयालम एक्टर के घर ले जाने की भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
कोर्ट को शक, सोने की हेराफेरी हुई
केरल हाईकोर्ट के जस्टिस राजा विजयराघवन वी. और जस्टिस के.वी. जयकुमार की पीठ ने केस दर्ज करके जांच का आदेश देते हुए कहा कि दाखिल सतर्कता रिपोर्ट से पता चला है कि काफी मात्रा में सोना (लगभग 474.9 ग्राम) उन्नीकृष्णन पोट्टी (सोने की परत चढ़ाने का प्रस्ताव देने वाले प्रायोजक) को सौंपा गया था. हालांकि रिकॉर्ड से यह पता नहीं चलता कि इतना सोना उसने त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) को सौंपा था. अब तक की जांच से ऐसा लगता है कि सोने की हेराफेरी की गई है.
पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश
हाई कोर्ट ने इस मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को चौखट के अलावा जांच के दौरान सामने आने वाले अन्य पहलुओं की भी पड़ताल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि सतर्कता रिपोर्ट त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के समक्ष रखी जाए, जो उसे राज्य पुलिस प्रमुख को भेजेगा.
राज्य के पुलिस प्रमुख से एडीजीपी (अपराध शाखा और कानून व्यवस्था) एच. वेंकटेश को इस मामले में आपराधिक मामला दर्ज करके जांच शुरू करने का निर्देश देने के लिए कहा गया. कोर्ट ने एसआईटी को पूरी तरह निष्पक्ष और जल्दी जांच करने का निर्देश दिया ताकि अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके.
SIT को 6 हफ्ते में रिपोर्ट देने का निर्देश
कोर्ट ने एसआईटी को छह हफ्ते के अंदर एक रिपोर्ट दाखिल करने और हर दो सप्ताह में एक बार अदालत के सामने जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया. बेंच ने कहा कि एसआईटी अदालत के प्रति सीधे जवाबदेह होगी ताकि सुनिश्चित हो सके कि जांच बहुत विवेक और ईमानदारी से हुई है. जांच पूरी होने तक इसकी डिटेल जनता या मीडिया से शेयर न करने को भी कहा.
मंदिर का 4.54 किलो गोल्ड कैसे कम हुआ?
सबरीमला मंदिर से सोना गायब होने की कहानी भी दिलचस्प है. NDTV ने कोर्ट और संबंधित कंपनी के रिकॉर्ड्स की छानबीन करके पता लगाया कि किस तरह द्वारपाल की मूर्तियों पर मढ़े सोने की परत को मरम्मत के नाम पर निकाला गया एक महीने तक पूरे दक्षिण भारत में जगह-जगह घूमने के बाद जब उसे वापस लाया गया तो उसमें से करीब 4.54 किलो सोना कम हो गया.
मंदिर की चौखट और द्वारपालों का सोना
NDTV के मुताबिक, इसकी शुरुआत जुलाई 2019 में उस वक्त हुआ, जब मंदिर की चौखट और द्वारपालों के स्वर्ण कवच को मरम्मत के नाम पर निकाला गया था. उस वक्त इनका वजन 42.8 किलो था. इन्हें चेन्नई की कंपनी स्मार्ट क्रिएशन्स को इलेक्ट्रो प्लेटिंग के लिए भेजा जाना था.
अगले दिन 20 जुलाई को स्पॉन्सर उन्नीकृष्णन पोट्टी की कस्टडी में इन वस्तुओं को चेन्नई के लिए रवाना कर दिया गया. लेकिन 29 अगस्त तक भी ये चीजें चेन्नई की कंपनी को नहीं मिलीं. 39 दिन बाद जब कंपनी को चीजें मिलीं तो उनका वजन 38.25 किलो ही थी, यानी 4.54 किलो कम.
कई मंदिरों, मलयालम एक्टर के घर तक ले गए
सोने की ये चीजें कंपनी तक पहुंचने में 39 दिन की देरी की जब NDTV ने छानबीन की तो पता चला कि इन्हें सीधे वर्कशॉप नहीं ले जाया था, बल्कि कई जगहों से होकर ये गुजरी थीं. इन्हें कोट्टायम के एक निजी मंदिर, आंध्र प्रदेश के मंदिरों से लेकर बेंगलुरू के श्रीरामापुरम में अयप्पा मंदिर तक में घुमाया गया था. चौंकाने वाली बात ये है कि मलयालम एक्टर जयराम के घर निजी पूजा के लिए भी ले जाया गया था. आखिर में 11 सितंबर 2019 को ये वापस सबरीमला पहुंचीं.
(NDTV से अश्विन नंदकुमार की रिपोर्ट)