बिहार विधानसभा चुनाव के लिए असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम महागठबंधन में शामिल होना चाहती थी. इसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की चिट्ठी भी लिखी थी. लेकिन अब राजद और कांग्रेस ने एआईएमआईएम को जवाब दे दिया है. राजद ने सलाह दी है कि बीजेपी को हराने के लिए एआईएमआईएम को बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. वहीं कांग्रेस का कहना है कि ओवैसी की पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने का फैसला सामूहिक तौर पर लिया जाएगा.
एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा था पत्र
एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ने पिछले काफी समय से महागठबंधन में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने पहले कांग्रेस और राजद नेताओं से बात की थी. लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर ईमान ने दो जुलाई को एक पत्र राजद प्रमुख लालू प्रसाद को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने सेक्युलर वोटों को बिखरने से बचाने के लिए महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी.
इस बीच राजद के राज्य सभा सदस्य मनोज झा ने कहा है कि अगर असदुद्दीन ओवैसी बीजेपी को हराना चाहते हैं तो वो बिहार चुनाव ना लड़ें. उन्होंने कहा कि कभी-कभी चुनाव ना लड़ना भी मदद करना होता है. अगर वो बीजेपी को हराना चाहते हैं तो चुनाव ना लड़ें. ये बात ओवैसी जानते हैं और उनके सलाहकार भी जानते हैं. उन्होंने कहा कि अगर आपकी मंशा है कि बीजेपी को शिकस्त दी जाए और नफरत की राजनीति को हराया जाए तो बिहार का चुनाव ना लड़ने का फैसला भी वैसा ही फैसला होगा.
एआईएमआईएम के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने क्या कहा है
वहीं बिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने इस विषय पर न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की. उन्होंने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल करने का फैसला गठबंधन के सभी दलों की बैठक में होगा. उन्होंने कहा कि कोई दल अकेले इस विषय पर फैसला नहीं ले सकता है.
असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने 2020 के विधानसभा चुनाव में बसपा, उपेंद्र कुशवाहा की तत्कालीन पार्टी, ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के साथ ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट बनाया था.एआईएमआईएम ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसने सीमांचल के तीन जिलों से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी. बाद में ईमान को छोड़कर बाकी के चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे.
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