फिर महंगे हो रहे कच्‍चे तेल ने बढ़ाई सरकार की मुश्किलें, करीब एक हफ्ते में 8.21 डॉलर प्रति बैरल चढ़ी कीमतें

ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 18 अप्रैल, 2022 को कच्चे तेल के इंडियन बास्केट की कीमत 106 डॉलर प्रति बैरल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई.

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बढ़ती महंगाई के इस दौर में कच्चे तेल का महंगा होना भारत के लिए बुरी खबर है
नई दिल्‍ली:

कच्चा तेल फिर महंगा हो रहा है. मंगलवार को पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 18 अप्रैल, 2022 को कच्चे तेल के इंडियन बास्केट की कीमत 106 डॉलर प्रति बैरल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई. बढ़ती महंगाई के इस दौर में कच्चे तेल का महंगा होना भारत के लिए बुरी खबर है.  गौरतलब है कि अप्रैल के पहले हफ्ते में कच्चे तेल के इंडियन बास्केट की कीमत में फौरी गिरावट से भारत में पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ रही कीमतों से राहत की उम्मीद बंधी थी लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच कच्चा तेल फिर महंगा हो गया है.

मंगलवार को पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से जारी ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 11, 2022  को कच्चे तेल के इंडियन बास्केट की कीमत 97.82 प्रति बैरल थी जो अप्रैल 18, 2022  को कच्चे तेल के इंडियन बास्केट की कीमत बढ़कर 106.03 प्रति बैरल पहुंच गई. पिछले करीब एक हफ्ते में कच्चा तेल 8.21 डॉलर प्रति बैरल महंगा हुआ है यानी 8.39% तक महंगा.सोमवार को ही वाणिज्य मंत्रालय ने मार्च में थोक महंगाई दर में भारी बढ़ोतरी के आंकड़े जारी करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होने को कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और खनिज तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगे होने की मुख्य वजह बताया था. सरकारी आकंड़ों के मुताबिक, कच्चा तेल मार्च, 2021 के मुकाबले मार्च, 2022 में 83.56% महंगा हुआ. इस दौरान पेट्रोल 53.44%, डीज़ल 52.22% और एलपीजी (LPG) 24.88% महंगे हुए. ज़ाहिर है, महंगे होते पेट्रो प्रोडक्‍ट सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं.

मंगलवार को वाशिंगटन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने IMF मैनेजिंग डायरेक्टर से मुलाकात के दौरान महंगी होती Energy prices पर चिंता जताई. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, आईएमएफ वर्ल्ड बैंक की बैठकों के साइडलाइंस पर वित्त मंत्री ने इंडोनेशिया के वित्त मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान कहा जी-20 देशों को तेल और गैस की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए एक साझा रणनीति तैयार करनी होगी. उधर, उद्योग संघ पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने भारत सरकार और राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स और ड्यूटी घटाने का सुझाव दिया है.PHD CII के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल डॉ एसपी शर्मा ने NDTV से कहा, "कच्चे तेल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए भारत सरकार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने पर विचार करना चाहिए....राज्य सरकारों को भी पेट्रोल-डीजल पर सेल्स टैक्स कम करना होगा." जाहिर है, कच्चा तेल महंगा हो रहा है और इसके साथ ही महंगाई के मोर्चे पर चुनौती भी.

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