आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के आरक्षण के खिलाफ SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल

चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी. बाकी तीन जजों ने कहा कि यह संशोधन संविधान की मूल भावना के खिलाफ नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
EWS आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है.
नई दिल्ली:

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के आरक्षण के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस की नेता जया ठाकुर ने ये याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सात नवंबर को दिए अपने फैसले के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को मिल रहे आरक्षण को बरकरार रखा था. चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में 5 जजों की संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत से इसे संवैधानिक करार दिया था.

याचिका में आरक्षण के खिलाफ दलील दी गई थी कि यह 103वें संविधान संशोधन के साथ धोखा है. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को दिए गए आरक्षण पर सुप्रीम मुहर लगाते हुए चीफ जस्टिस यूयू ललित के नेतृत्व में 5 जजों की पीठ ने 3:2 से संविधान के 103वें संशोधन के पक्ष में फैसला सुनाया था.

हालांकि, चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट्ट ने EWS कोटा के खिलाफ अपनी राय रखी. बाकी तीन जजों ने कहा कि यह संशोधन संविधान की मूल भावना के खिलाफ नहीं है.

गौरतलब है EWS कोटे में सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण आर्थिक आधार पर मिला हुआ है. अदालत ने आरक्षण पर रोक लगाने से इंकार किया था. इस फैसले के साथ ही देश में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण जारी रहने का रास्ता साफ हो गया.

Featured Video Of The Day
Justice BV Nagarathna ने सुनाई 2 वकीलों की रोचक कहानी, एक बने राष्ट्रपति तो दूसरे CJI | EXCLUSIVE