गुलाम हसन भट्ट ने देश की सबसे कठिन नौकरियों में से एक यानि जम्मू-कश्मीर में पुलिस बल का नेतृत्व किया. लेकिन कल शाम के उनके 10 कदम जिंदगी के सबसे भारी कदम होंगे. दरअसल उन्हें बड़े दर्द के साथ अपने युवा बेटे हुमायूं के शव तक जाना पड़ा. गुलाम हसन भट्ट एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी रहे हैं. उनके बेटे कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए. गुलाम हसन भट्ट के बेटे हुमायूं के शव के पास जाने और उस पर पुष्पांजलि अर्पित करने के एक वीडियो ने हर किसी को झकझोर कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं, अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए तीन वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों में से एक थे. अभी भी जारी मुठभेड़ में चंडीगढ़ के कर्नल मनप्रीत सिंह और हरियाणा के मेजर आशीष की भी जान चली गई. कथित तौर पर गोलीबारी में हुमायूं को भारी चोटें आईं और भारी खून बह जाने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया. कल शाम बडगाम में अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने बहादुर पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि दी.
लेफ्टिनेंट गवर्नर के कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "जेकेपी के डीएसपी हुमायूं भट्ट को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने अनंतनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. मैं कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता हूं. पूरा देश इस मुश्किल घड़ी में उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है " हुमायूं के परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है जो की कुछ वक्त पहले ही परिवार में आया. सोशल मीडिया पर इस वीडियो को कई लोगों ने दिल तोड़ने वाला बताया और युवा पुलिस अधिकारी के बलिदान को सलाम किया.
कश्मीर जोन पुलिस ने ‘एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर बताया, ''कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट, जिन्होंने इस अभियान के दौरान सामने से नेतृत्व करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी, उनकी अटल वीरता को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए हमारी सेनाएं उजैर खान सहित लश्कर के दो आतंकवादियों को घेरने में दृढ़ संकल्प के साथ जुटी हुई हैं.'' अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके के गडोले क्षेत्र में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर, एक मेजर रैंक के अधिकारी और एक पुलिस उपाधीक्षक शहीद हो गए थे.
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