राजपथ पर उतरे 50 साल पुराने सेंचुरियन, पीटी-76 टैंक और हथियार: युद्ध में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

बुधवार को सेना की मशीनीकृत टुकड़ियों ने एक पीटी-76 टैंक, एक सेंचुरियन टैंक, दो एमबीटी अर्जुन एमके-आई टैंक, एक ओटी-62 टोपाज बख्तररबंद, एक बीएमपी-आई पैदल टुकड़ी वाले वाहन और दो बीएमपी-द्वितीय पैदल टुकड़ी वाले वाहनों को राजपथ पर प्रदर्शित किया.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins

Republic Day Parade: परेड में पीटी-76 टैंक का नेतृत्व 69 आर्मर्ड रेजिमेंट के कैप्टन अंशुमान तिवारी कर रहे थे.

नई दिल्ली:

भारतीय सेना ने बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड में सेंचुरियन टैंक, पीटी-76 टैंक, 75/24 पैक हॉवित्जर और ओटी-62 टोपाज बख्तरबंद वाहन जैसे प्रमुख हथियार, साजो-सामान का प्रदर्शन किया, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराने में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

भारत ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत का जश्न मनाने के लिए 2021 में स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया था. इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश का सृजन हुआ था.

बुधवार को सेना की मशीनीकृत टुकड़ियों ने एक पीटी-76 टैंक, एक सेंचुरियन टैंक, दो एमबीटी अर्जुन एमके-आई टैंक, एक ओटी-62 टोपाज बख्तररबंद, एक बीएमपी-आई पैदल टुकड़ी वाले वाहन और दो बीएमपी-द्वितीय पैदल टुकड़ी वाले वाहनों को राजपथ पर प्रदर्शित किया.

राजपथ पर 'नारी शक्ति' का प्रदर्शन: IAF की झांकी में दिखीं राफेल की एकमात्र महिला फाइटर 

एक 75/24 पैक हॉवित्जर, दो धनुष हॉवित्जर, पुल बनाने वाली पीएमएस प्रणाली, पुल बनाने वाली दो सर्वत्र प्रणाली, एक एचटी-16 इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली, दो तरण शक्ति इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली, एक टाइगर कैट मिसाइल प्रणाली और दो आकाश मिसाइल प्रणाली भी गणतंत्र दिवस परेड में मैकेनाइज्ड कॉलम का हिस्सा थीं.

परेड में ‘‘द पूना हॉर्स'' रेजिमेंट के सेंचुरियन टैंक की टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन राहुल शर्मा ने किया. वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. युद्ध के दौरान बसंतर की लड़ाई में पाकिस्तान 1 कोर के एक बख़्तरबंद डिवीजन और एक ब्रिगेड का सेंचुरियन टैंकों से लैस इंडियन 1 कोर की दो ब्रिगेड से सामना हुआ था.

परेड में पीटी-76 टैंक का नेतृत्व 69 आर्मर्ड रेजिमेंट के कैप्टन अंशुमान तिवारी कर रहे थे. पीटी-76 टैंक ने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों में भूमिका निभाई थी.

Advertisement

Republic Day Highlights: जोशीले धुनों पर राजपथ पर जवानों का शौर्य प्रदर्शन, अलग अंदाज में दिखे PM मोदी : 10 बड़ी बातें

वर्ष 1971 के युद्ध में गरीबपुर की लड़ाई एक और उदाहरण है जहां केवल 14 पीटी-76 टैंकों के साथ भारतीय सेना की पैदल सेना बटालियन पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की एक बड़ी ब्रिगेड को भारी नुकसान पहुंचाने में सफल रही थी. गरीबपुर की लड़ाई के दौरान, कई पाकिस्तानी एम24 चाफी टैंक नष्ट कर दिए गए थे.

Advertisement

ओटी-62 टोपाज बख्तरबंद वाहन ने भी 1971 के युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बुधवार की परेड के दौरान इसका नेतृत्व मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट के मेजर रवि कुमार ने किया. 75/24 पैक हॉवित्जर पहली स्वदेशी रूप से विकसित माउंटेन गन थी.

वीडियो: 73वें गणतंत्र दिवस पर सेना के चार MI-17 हेलिकॉप्टरों ने राजपथ पर बरसाए फूल

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)