Republic Day 2023: अरुणाचल प्रदेश के पायलट वाइब्रेंट विलेज जिमिथांग में ITBP ने मनाया गणतंत्र दिवस

कार्यक्रम की शुरुआत ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में बनाए गए युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नई दिल्ली:

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आईटीबीपी ने जिमिथांग गांव में कार्यक्रम का आयोजन किया. इस गांव को गृह मंत्रालय (GOI) द्वारा वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) के तहत बहुमुखी विकास के लिए पायलट वाइब्रेंट गांव के रूप विकसित किया गया है. इस कार्यक्रम में स्थानीय प्रशासन, धार्मिक नेताओं, गांव के बुजुर्गों, समाज के सम्मानित सदस्यों, महिलाओं और छात्रों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में एसएचक्यू (तेजपुर) के आईटीबीपी कमांडेंट डॉ. दीपक कुमार पांडेय मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे.

कार्यक्रम की शुरुआत ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में बनाए गए युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. डॉ. दीपक कुमार पाण्डेय ने स्थानीय जनता को भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये आजादी के अमृत महोत्सव एवं जीवंत ग्राम कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.  उन्होंने कहा कि आईटीबीपी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा स्थानीय आबादी के विकास को सुनिश्चित करने के लिए दूरस्थ सीमावर्ती क्षेत्रों में कई विकास कार्यक्रम भी आयोजित करती है.

क्षेत्र में सड़कों के निर्माण के अलावा, पीने के पानी की सुविधा प्रदान करने, स्कूल भवनों का निर्माण, स्कूलों को गोद लेने, वृक्षारोपण अभियान, खेल प्रतियोगिताओं, चिकित्सा शिविरों और पशु चिकित्सा शिविरों सहित कई स्वच्छता और स्वच्छता पहल की गई हैं.

Advertisement

बताते चलें कि ज़िमिथांग तवांग क्षेत्र का सबसे दूरस्थ गांव है और अंतर्राष्ट्रीय सीमा की ओर अंतिम गांव है. यह एक बहुत ही पवित्र स्थान के रूप में प्रतिष्ठित है. यह भी कहा जाता है कि यह गुरु पदमसंभव का कार्यक्षेत्र रहा है.  यह इतना पवित्र स्थान है कि इसे 'पांगचेन' भी कहा जाता है. मोम्पा जनजाति की बोली में पांगचेन शब्द का अर्थ है 'ऐसा व्यक्ति जो सभी पापों से मुक्त हो'.  

Advertisement

आईटीबीपी उच्च हिमालयी सीमा की बर्फीली ऊंचाई पर तैनात है जहां तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.  यह लगभग 3,488 किलोमीटर की राष्ट्रीय सीमा की रखवाली कर रहा है.  बर्फ से ढके हिमालय में तैनात होने के कारण आईटीबीपी के जवानों को प्यार से हिमवीर (हिम योद्धा) कहा जाता है.

Advertisement

हाल ही में आईटीबीपी की 55वीं बटालियन ने जिला शिक्षा विभाग के सहयोग से सैकड़ों स्थानीय छात्रों के लिए 'सीमा दर्शन' कार्यक्रम का आयोजन किया है.  स्थानीय जनता और बच्चों को विभिन्न प्रकार के चिकित्सा उपकरणों, बल में इस्तेमाल किए जा रहे विभिन्न हथियारों और आत्मरक्षा उपायों पर छोटे मॉड्यूल के बारे में शिक्षित किया गया.

Advertisement

 पूर्व में ITBP समय-समय पर चिकित्सा और पशु चिकित्सा शिविर, व्यावसायिक और खेल प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता रहा है.  आईटीबीपी के अधिकारियों द्वारा ज़िमिथांग क्षेत्र के ग्रामीणों को नियमित रूप से नवीनतम सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है और इन योजनाओं का लाभ सही तरीके से प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day
US Share Market में हाहाकार, भारतीय बाजार पर कितना असर? | Market News | Donald Trump
Topics mentioned in this article