Republic Day: परेड के समय और रूट में कटौती, विदेशी मेहमान नहीं, निमंत्रण कार्ड के साथ ये उपहार, जानें- समारोह में कब क्या?

Republic Day 2022 : इस बार ऑटो चालको, मजदूरों, सफाई कर्मचारियों और  फ्रंट लाइन वर्करों के लिये सीटें रिजर्व रखी गई हैं. राजपथ के दोनों ओर 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है ताकि दूर बैठे लोग भी परेड साफ-साफ देख सकें. गणतंत्र दिवस समारोह के लिए जो निमंत्रण पत्र दिए गए हैं, उनमें अश्वगंधा, ऐलोवेरा जैसे पौधे के बीज भी दिए गए हैं ताकि लोग घर ले जाकर उसे रोप सकें. 

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Republic Day: सुबह 10.25 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे. उसके बाद राष्ट्र गान होगा.

नई दिल्ली:

देश आज 73वां गणतंत्र दिवस (73rd Republic Day) समारोह मना रहा है. आज ही के दिन 1950 में देश में संविधान लागू हुआ था और इसके साथ ही भारत एक संप्रभु राज्य यानी गणतंत्र बन गया था. इस मौके पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम को इस बार कोविड की वजह से 90 मिनट तक सीमित किया गया है. राजपथ पर होने वाले परेड के समय में भी बदलाव किया गया है. अब परेड आधा घंटा की देरी से 10.30 बजे शुरू होकर 12 बजे तक चलेगा.

अमूमन मौसम खराब होने और कोहरे की वजह से कम विजिबिलिटी होती थी, इस वजह से लोग फ्लाईपास्ट नहीं देख पाते थे, इसीलिए परेड के समय में बदलाव किया गया है. हालांकि, पिछले साल की तरह ही इस साल भी परेड में कोई विदेशी मेहमान नहीं होंगे. इस बार के परेड में पुराने हथियार और यूनिफॉर्म भी देखने को मिलेंगे.

कोरोना महामारी की वजह से इस बार गणतंत्र दिवस समारोह पहले के मुकाबले काफी छोटा होगा और राजपथ पर बतौर दर्शक लोग भी कम शामिल होंगे.  पहले परेड विजय चौक से शुरू होकर लालकिले तक जाती थी, लेकिन इस बार यह विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक ही जाएगी. परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर से घटाकर 3.3 किलोमीटर कर दी गई है. परेड के हर दस्ते में जवान भी कम होंगे. पहले हर दस्ते में 144 जवान होते थे लेकिन इस बार हर दस्ते में सिर्फ 96 लोग ही होंगे. परेड के वक्त जवान भी आपस में दूरी बनाकर रखेंगे. परेड में भी सोशल डिस्टेसिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा. परेड में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों के लिये कोविड बबल बनाया गया है. जरुरी टेस्ट के बाद इन्हें अलग-थलग करके रखा गया है. 

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इस बार परेड देखने वाले लोग भी कम होंगे. पहले परेड देखने करीब एक लाख 15 हजार लोग जाते थे जो अब घटाकर 6 हजार कर दी गई है. इतना ही नहीं, हर बार 32 हजार टिकट बेचे जाते थे लेकिन इस साल केवल 800 लोग ही टिकट खरीदकर परेड देख पाएंगे. परेड में छोटे बच्चे हिस्सा नहीं ले पाएंगे, जिनकी उम्र 15 साल से ज्यादा होगी वही भाग ले पाएंगे. हर बार की तरह इस बार खड़े होकर कोई भी परेड नही देख पायेगा. जितनी सीट होगी उतने ही लोगों को परेड देखने की इजाजत होगी. परेड देखने वाले हों या उसमें भाग लेने वाले, सभी को मॉस्क पहने होंगे.

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इस बार ऑटो चालको, मजदूरों, सफाई कर्मचारियों और  फ्रंट लाइन वर्करों के लिये सीटें रिजर्व रखी गई हैं. राजपथ के दोनों ओर 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई है ताकि दूर बैठे लोग भी परेड साफ-साफ देख सकें. गणतंत्र दिवस समारोह के लिए जो निमंत्रण पत्र दिए गए हैं, उनमें अश्वगंधा, ऐलोवेरा जैसे पौधे के बीज भी दिए गए हैं ताकि लोग घर ले जाकर उसे रोप सकें. 

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गणतंत्र दिवस समारोह में कब-कब क्या-क्या होगा?

09.50 बजे:  नेशनल वॉर मेमोरियल पर तीनों सेना के प्रमुख देंगे श्रद्धांजलि 

10.00 बजे: प्रधानमंत्री द्वारा नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीद जवानों की श्रद्धांजलि

10.15 बजे:  प्रधानमंत्री का सलामी मंच के पास आना

10.24 बजे: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आगमन. 

कोरोना से संक्रमित होने की वजह से उप राष्ट्रपति वेकैंया नायडू परेड में शामिल नहीं होंगे. राष्ट्रपति के आने से पहले 46 सजीले घुड़सवार अंगरक्षक आते हैं. प्रसिडेंट बॉर्डीगार्ड का गठन 1773 में हुआ था. 

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10.25 बजे: राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराना और राष्ट्र गान, उसके बाद 21 तोपों की सलामी 

10.26 बजे:  जम्मू कश्मीर पुलिस के एएसआई  (सहायक उप निरीक्षक) बाबू राम को मरणोपरांत अशोक चक्र सम्मान. बाबू राम की पत्नी रीता रानी शांति काल के इस सर्वोच्च वीरता पुरस्कार को ग्रहण करेंगी. पूंछ के रहने वाले बाबू राम ने 29 अगस्त 2020 को श्रीनगर के पंथा चौक पर आतंकी हमले में घिरे पहले लोगों को उनके घरों से सुरक्षित निकाला, फिर अपने साथी को बचाया था और तीन आतंकियों को मार गिराया था. इस दौरान वे शहीद हो गए.     

10.28 बजे: सेना के चार एमआई-17 और एक वी-5 हेलीकॉप्टर तिरंगे के साथ तीनों सेनाओं के झंडों के साथ आसमान से राजपथ पर फूल बरसाएंगे. 

10.29 बजे: परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा की अगुवाई में परेड शुरू. 

10.30 बजे:  परेड उप कमांडर मेजर जनरल  आलोक कक्कर उनका साथ देंगे. 

10.31 बजे:  परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं का सम्मान. परमवीर चक्र लड़ाई के दौरान देश का सर्वोच्च सैनिक सम्मान है, जबकि अशोक चक्र शांति काल के दौरान दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च सम्मान है.

10.32 बजे: परमवीर चक्र विजेता सुबेदार मेजर योगेन्द्र सिंह यादव ( रिटायर्ड) और सुबेदार संजय कुमार का सम्मान.

10.32 बजे:  अशोक चक्र विजेता लेफ्टिनेट कर्नल डी श्री कुमार का सम्मान.