पड़ोसी राज्य गुजरात को कई बड़ी-बड़ी योजनाओं को खोने के बाद आलोचना झेल रही महाराष्ट्र सरकार ने आज घोषणा की है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नीति के तहत पुणे में एक बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर की मंजूरी दी है. यह परियोजना 32 महीनों में पूरी होने वाली है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने आज ट्वीट किया, 'केंद्र सरकार के राष्ट्रीय नीति के तहत पुणे के रंजनगांव में एक बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर की मंजूरी देने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का बहुत आभारी हूं.'
देवेंद्र फडणवीस ने एक अन्य ट्वीट किया, 'यह महाराष्ट्र में मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम का निर्माण करेगा. इस परियोजना से औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर फोटोवोल्टिक निर्माण, ई मोबिलिटी इकाइयों को लाभ मिलेगा. रंजनगांव में यह इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर 297.11 एकड़ में 492.85 करोड़ रुपये में स्थापित होगा. इसमें केंद्र सरकार का योगदान 207.98 करोड़ होगा. इससे करीब 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा.'
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार चिप निर्माण करने वाली फॉक्सकॉन-वेदांता के डेढ़ लाख करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट और टाटा ग्रुप की विमान निर्माण परियोजना के महाराष्ट्र से गुजरात चले जाने से विपक्ष की आलोचना झेल रही है. महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष परियोजना को लेकर भ्रम पैदा कर रहा है. टाटा एयरबस सी-295 प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट पर पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने हस्ताक्षर किया था. उस समय महा-विकास अघाड़ी की सरकार थी.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने हाल ही में शिंदे की सरकार को गद्दार और राज्य की रक्षा में विफल रहने वाला बताया था. उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना के बागी विधायकों वाली नई गठबंधन सरकार और भाजपा के सत्ता में आने के बाद से अब तक चार बड़ी परियोजनाएं महाराष्ट्र से जा चुकी हैं.
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