- दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम को हुए जोरदार धमाके में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ था.
- विस्फोट के लिए HR 26 नंबर की i20 कार का प्रयोग किया गया था, जिसे मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर चला रहा था.
- इस मामले में पुलवामा के पम्पोर से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, जिनमें तारिक अहमद मलिक भी शामिल है.
सोमवार की शाम, पुरानी दिल्ली की गलियों में वही रोज की हलचल थी. सर्द हवाओं के बीच बाजारों में शादी के सीजन की खरीददारी जोरों पर थी. तभी एक तेज धमाके ने उस भीड़भाड़ को सन्नाटे में बदल दिया. शाम के करीब 6 बजकर 52 मिनट, लाल किले के पास एक व्यस्त सड़क पर जोरदार धमाका हुआ. ऐसा धमाका जिसने कुछ सेकंड में शोरगुल भरी गलियों को मौत की खामोशी में बदल दिया. हवा में धुएं और आग का गुबार, सड़क पर बिखरे हुए शव, जलती हुई कारें और चीखते लोग… दिल्ली ने एक बार फिर दहशत का खौफनाक मंजर देखा.
पहले लोगों ने सोचा कि शायद कोई सिलेंडर फटा हो, लेकिन जब पुलिस और बम निरोधक दस्ते पहुंचे, तो सच्चाई कहीं ज्यादा खतरनाक निकली. यह एक साजिश के तहत किया गया विस्फोट था.
दिल्ली से पुलवामा तक जुड़ी कड़ी
धमाके के तुरंत बाद जब जांच शुरू हुई, तो कुछ ही घंटों में दिल्ली से जम्मू-कश्मीर के पुलवामा तक पुलिस की टीमें पहुंच गईं. सोमवार देर रात पुलवामा के अवंतीपोरा के पम्पोर इलाके से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. तारिक अहमद मलिक, आमिर राशिद और उमर राशिद. तीनों पुलवामा जिले के ही निवासी हैं.
तारिक
इनमें से तारिक अहमद मलिक एक एटीएम गार्ड है, और उसी की कार ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई थी. जांच में पता चला कि उसने यह कार डॉ. उमर यू. नबी नाम के व्यक्ति को दी थी. वही व्यक्ति जो अब इस पूरी साजिश का मुख्य कड़ी माना जा रहा है. डॉ. उमर, फरीदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ाता था और कुछ महीने पहले फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से उसका नाम जुड़ा था.
धमाका कैसे हुआ?
फॉरेंसिक जांच में खुलासा हुआ कि धमाके में RDX नहीं, बल्कि अमोनियम नाइट्रेट जैसे सस्ते लेकिन घातक पदार्थ का इस्तेमाल हुआ था. मौके से टाइमर सर्किट, बैटरी और तारों के टुकड़े मिले. यानी विस्फोट को सटीक टाइमिंग से अंजाम दिया गया. सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि HR 26 नंबर की i20 कार दोपहर 3:19 बजे सुनहरी मस्जिद पार्किंग में दाखिल हुई और शाम 6:48 बजे वहां से निकली. रेड लाइट पर कार कुछ सेकंड रुकी और फिर 6:52 बजे धमाका हुआ. माना जा रहा है कि कार ड्राइवर वही डॉ. उमर था, जो तीन घंटे तक उसी कार में बैठा रहा. वह शायद किसी सिग्नल या आदेश का इंतजार कर रहा था.
फरीदाबाद कनेक्शन और मॉड्यूल का जाल
दिल्ली पुलिस की जांच ने एक बार फिर हरियाणा के फरीदाबाद मॉड्यूल की तरफ इशारा किया. कुछ दिन पहले ही वहां से 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी. जिसमें अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल थे. यह नेटवर्क कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ था. फरीदाबाद पुलिस ने पहले ही तीन डॉक्टरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, और अब जांच एजेंसियां मान रही हैं कि लाल किला ब्लास्ट उसी नेटवर्क का हिस्सा था.
जांच में कई एजेंसियां शामिल
धमाके के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, एनआईए, एनएसजी, आईबी, एफएसएल, यूपी एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस सभी एजेंसियां मैदान में उतर आईं हैं. जांच में अब तक जली हुई कारें, विस्फोट के नमूने और 60 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज जब्त किए गए हैं.
गृह मंत्री अमित शाह रात में LNJP अस्पताल पहुंचे, घायलों से मुलाकात की और फिर घटनास्थल का मुआयना किया. उन्होंने जांच एजेंसियों को कड़े समन्वय और तेज कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
सुबह की खामोशी, जो सब कह गई
मंगलवार की सुबह पुरानी दिल्ली की गलियों में भय और खामोशी दोनों हैं. फॉरेंसिक टीमें दोबारा मौके का मुआयना कर रही हैं, पुलिस ने पूरा इलाका सील कर रखा है. लेकिन इस शहर की हवा में अब भी वही सवाल तैर रहा है कि आखिर राजधानी दिल्ली में इतना बड़ा धमाका हो कैसे गया.













