69 हजार शिक्षक भर्ती मेरी प्राथमिकता : अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने NDTV से कहा

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हमने पांच साल जिस तरह से उत्तर प्रदेश के जनमानस के लिए काम किया, एक डेवलेपमेंट का मॉडल प्रस्तुत किया. आम मतदाता के जीवन में सकार्तमक बदलाव हुआ है. इसलिए एनडीए गठबंधन को उन्होंने दोबारा आशीर्वाद दिया है. 

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उन्होंने मां और बहन के समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि यह मुश्किल तो था.

लखनऊ:

केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने NDTV से बात करते हुए कहा कि मैं शुरुआत से ही यह कह रही थी कि एनडीए गठबंधन उत्तर प्रदेश में फिर से सत्ता में वापसी करेगा. उन्होंने कहा कि मेरा यही मानना है कि हमने पांच साल जिस तरह से उत्तर प्रदेश के जनमानस के लिए काम किया, एक डेवलेपमेंट का मॉडल प्रस्तुत किया. चाहे महिलाओं के लिए हो. जो गरीब जनता है, उसको केंद्रीत करते हुए तमाम किस्म की योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा है. जब लोगों को इसका लाभ मिला है, जब आम मतदाता के जीवन में सकार्तमक बदलाव हुआ है, उसके कारण उनके मन में एक विश्वास पैदा हुआ है. इसलिए एनडीए गठबंधन को उन्होंने दोबारा आशीर्वाद दिया है. 

चुनाव से पहले बीजेपी के साथ सीट बंटवारे पर उन्होंने कहा कि जो पार्टियां, जो लीडरशीप, जो कार्यकर्ता निरंतर जनता के बीच बने रहते हैं, उनके जुड़े रहते हैं और जनता के जो मसले हैं उन्हें सुनते हैं और उनके लिए बिना किसी गणित के लड़ते हैं, उनको जनता भी खुले मन से स्वीकार करती है. मेरी पार्टी का रिकॉर्ड है, हम जिन सिद्धांतों के लिए खड़े हैं, उसके लिए लड़ने से कभी पीछे नहीं हटे. हमने चाहे 69 हजार शिक्षक भर्ती का प्रकरण हो, चाहे नीट का प्रकरण हो, चाहे न्यायलय में हमारे पिछड़े वर्ग की भागेदारी हो, हमने हर मसले पर आवाज उठाई है. हमारे समर्थक, हमारा शुभचिंतक, हमारा वोटर हमारे साथ खड़ा है. हमारी पार्टी का इसलिए ही विस्तार हुआ और जब विस्तार हुआ तो हमें पूरे उत्तर प्रदेश में अलग-अलग कोने में सीटें लड़ी भी और स्ट्राइक रेट भी दिखा कि बेहतर हो रहा है.

उन्होंने मां और बहन के समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि यह मुश्किल तो था. मां के खिलाफ मैं कभी चुनाव नहीं लड़ूंगी और मां के खिलाफ कभी प्रत्याशी उतार भी नहीं सकती. मां ने जब घोषणा की, हमारा मौजूदा विधायक था, हमने तय किया कि वहां चुनाव में नहीं जाएंगे. हमारा कोई कार्यकर्ता प्रचार नहीं करेगा, मैं स्वयं वहां प्रचार नहीं करूंगी और मैनें नहीं किया. बाकि सबकुछ तो मेरे हाथ में नहीं है, लेकिन मेरे हाथ में जो भी था मैंने किया और उनके लिए मैं अभी भी ईश्वर से प्रार्थना ही करूंगी. 

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उन्होंने कहा कि एक मसला 69 हजार शिक्षक भर्ती का है. हमने सरकार के साथ इसके समाधान के लिए कोशिश की. चुनाव से पहले एक्ट्रा सीट निकाल कर इसके लिए कोशिश की गई. लेकिन यह मामला अभी अदालत में पहुंच गया. अब चुनाव खत्म हुआ और सरकार बनने जा रही है. हम फिर से कोशिश करेंगे कि इस दिशा में समाधान हो, जो भी सरकार को इसमें जरूरी कदम उठाने हैं वो उठाए और जो हमारे पिछड़ा वर्ग के छात्र हैं उनके साथ न्याय हो. ये मेरी प्राथमिकता है.

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