सरसों, मसूर समेत दलहन फसलों के एमएसपी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, मोदी कैबिनेट का अहम फैसला

दलहन औऱ तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़ी बढ़ोतरी के पीछे वजह इनकी देश में कम उत्पादन और बढ़ती मांग को माना जा रहा है.

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नई दिल्ली:

MSP Hiked : केंद्र सरकार ने बुधवार को रबी फसलों (Rabi Crop) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी का ऐलान किया. लेकिन इसमें ज्यादा वृद्धि दलहनों के एमएसपी (Pulses lentils, Rapeseed, mustard MSP Increases) में की गई है. सरसों, मसूर औऱ रेपसीड प्रत्येक के समर्थन मूल्य में रिकॉर्ड 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. कुसुंबी के एमएसपी में भी 114 रुपये क्विंटन का इजाफा किया गया है. सरकार ने गेहूं का एमएसपी 40 रुपये और जौ का 35 रुपये बढ़ाया है. चने का समर्थन मूल्य भी 130 रुपये प्रति कुंतल बढ़ा है. दलहन औऱ तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़ी बढ़ोतरी के पीछे वजह इनकी देश में कम उत्पादन और बढ़ती मांग को माना जा रहा है. सरसों तेल के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं. विपक्षी दलों की ओर से आलोचना की जाती रही है कि एक और खाद्य तेलों के दाम ऊंचाई पर हैं, लेकिन तिलहन का एमएसपी नहीं बढ़ाया जा रहा है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में रबी फसलों का एमएसपी (Rabi Crop MSP Hiked) बढ़ाने पर मुहर लगी. गेहूं पर 40 रुपये प्रति और जौ पर 35 रुपये प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Prices) बढ़ाया गया है. मंत्रिमंडल ने रबी सीजन 2022-23 के लिए एमएसपी बढ़ा दिया है. फसलों के विविधीकरण को प्रोत्साहन देते हुए दलहन औऱ तिलहन का एमएसपी ज्यादा बढ़ाया गया है.

रेपसीड और सरसों (wheat, rapeseed and mustard) पर ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.जौ, चना, मसूर ( lentil, gram, barley) और अन्य का समर्थन मूल्य में भी इजाफा हुआ है. तिलहन, दलहन (Oilseeds, Pulses) और मोटे अनाजों के समर्थन मूल्य पर सरकार का फोकस है. 

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केंद्रीय कैबिनेट ने वस्त्र उद्योग (Textile Industry) के लिए प्रोत्साहन नीति को भी मंजूरी दी है. कैबिनेट ने वस्त्र (Textile) उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव ( PLI)  यानी उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन नीति को मंजूर किया है. इसमें अगले 5 साल तक 10600 करोड़ से ज्यादा का पैकेज दिया जाएगा.

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केंद्रीय कैबिनेट ने फसलों का एमएसपी ऐसे वक्त बढ़ाया है, जब किसान कृषि कानूनों की वापसी को लेकर अपना आंदोलन तेज करने की कोशिश कर रहे हैं. किसान फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी भी मांग रहे हैं. हालांकि सरकार औऱ किसान संगठनों के बीच वार्ता ठप पड़ी है. 
 

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