राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए गुजरात से अयोध्या भेजी गयी 108 फीट की धूप बत्ती, जानें खासियत

धूप बत्ती का स्वागत करने के लिए सैकड़ों लोग जगह जगह खड़े हैं. इसका निर्माण वडोदरा तरसाली गांव के विहाभाई ने तैयार किया है.

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नई दिल्ली:

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम को लेकर देश भर में तैयारी जारी है. गुजरात के वडोदरा से 108 फीट की धूप बत्ती राम मंदिर के लिए  अयोध्या पहुंच रही है. धूप बत्ती का स्वागत करने के लिए सैकड़ों लोग जगह जगह खड़े हैं. इसका निर्माण वडोदरा तरसाली गांव के विहाभाई ने तैयार किया है. 108 फीट की धूप बत्ती साढ़े तीन फ़ीट की गोलाई में स्थित है. इसे पंच तत्व से बनाया गया है. इसमें गुग्गुल धूप 376 किलोग्राम खर्च किया गया है. साथ ही  376 किलोग्राम नारियल पाउडर का भी उपयोग किया गया है. 

जानकारी के अनुसार 475 किलोग्राम हवन सामग्री, 280 किलोग्राम जौ, 280 किलोग्राम तिल, 191 किलोग्राम गाय का धी. 1415 किलोग्राम गाय का गोबर, 100 सुगंधित फूल का पाउडर 108 किलोग्राम घूंप के सेंट का उपयोग कर इसे 6 महीने में तैयार किया गया है. एक विशेष ट्रक से इसे गुजरात से अयोध्या लाया जा रहा है.

जलेसर में बनकर तैयार हुआ है 2100 किलोग्राम का घंटा

राम मंदिर के बाहर लगाने के लिए 2100 किलो का एक घंटा आगरा के जलेसर में बनाया गया है. इसे बनाने के लिए 4 साल से कारीगर लगे हुए थे. जिसे अष्टधातु से बनाया गया है. इससे निकलने वाले आवाज अद्भुत होगी, जो दूर-दूर तक लोगों को सुनाई देगी.  घंटा निर्माण में करीब 25 लाख रुपये की लागत आई है. इसका वज़न 2100 किलो है.इस घंटे की उंचाई 6 फीट है और चौड़ाई 5 फीट है. आगरा लोकसभा के जलेसर कस्बे में पीतल के घंटे और घुंघरू तकरीबन 200 साल से बनाए जा रहे हैं. यहां के घंटे और घुंघरू पूरे विश्व विख्यात है.

अभिजीत मुहूर्त राम लला की होगी प्राण प्रतिष्ठा

प्राण प्रतिष्ठा का दिन और मुहूर्त बहुत सोच समझ कर तय किया गया है. ये प्राण प्रतिष्ठा उसी मुहूर्त में की जाएगी जिसमें भगवान राम का जन्म हुआ था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने अभिजीत मुहूर्त ृ में जन्म लिया था. सिर्फ भगवान राम ही नहीं भगवान कृष्ण भी इसी मुहूर्त में अवतरित हुए थे. अब प्रधानमंत्री मोदी भी चंद मिनट के लिए बन रहे इसी मुहूर्त में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. 

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