अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अगले साल 21, 22 और 23 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है. ट्रस्ट के सदस्यों ने पूर्व में कहा था कि वे इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आधिकारिक निमंत्रण भेजेंगे. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को बताया, ‘‘राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह अगले साल जनवरी के तीसरे सप्ताह में होना प्रस्तावित हैं और इसके लिए अगले साल जनवरी की 21, 22 और 23 तारीख प्रस्तावित हैं.''
उन्होंने बताया, ‘‘हम इस समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करेंगे जिसमें प्रमुख साधु और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे.''
राय ने कहा, 'मुख्य कार्यक्रम गैर-राजनीतिक होगा और विभिन्न राजनीतिक दलों के मेहमानों को भी आमंत्रित किया जाएगा, बशर्ते वे आने का इरादा रखते हों. कार्यक्रम में कोई मंच नहीं होगा और न ही कोई सार्वजनिक सभा आयोजित की जाएगी.'
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट इस समारोह में देश के 136 सनातन परंपराओं के 25 हजार से अधिक धर्मगुरुओं को आमंत्रित करने की योजना तैयार कर रहा है. कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने वाले संतों की सूची तैयार की जा रही है. जल्द ही उन्हें ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की तरफ से निमंत्रण पत्र भेजा जाएगा. ये 25 हजार संत 10 हजार विशिष्ट अतिथियों से अलग होंगे जो राम जन्मभूमि परिसर के अंदर अभिषेक समारोह में शामिल होंगे.
राय ने कहा, ''ट्रस्ट ने सभी प्रमुख संतों को अयोध्या के बड़े मठों में ठहराने की योजना बनाई है. सभी बड़े मठ और मंदिर आने वाले संतों और साधुओं को ठहरने की सुविधा देने पर सहमत हो गए हैं. लगभग एक महीने तक चलने वाले इस भव्य आयोजन के प्रबंधन को संभालने के लिए अयोध्या के विभिन्न संतों के कई समूह बनाए जाएंगे.''
मंदिर ट्रस्ट के न्यासी अनिल मिश्रा ने कहा, 'राम मंदिर के गर्भगृह का कार्य पूरा होने वाला है. अब जनवरी महीने में प्राण प्रतिष्ठा के भव्य आयोजन की तैयारी जोरों पर चल रही हैं.'
ट्रस्ट अयोध्या में राम जन्मभूमि के अभिषेक समारोह के लिए आने वाले भक्तों को लगभग एक महीने तक मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है.
राय ने बताया कि जनवरी में गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर ट्रस्ट की ओर से एक महीने तक रोजाना 75 हजार से एक लाख भक्तों को भोजन कराया जाएगा.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त 2020 में राम मंदिर का ‘भूमि पूजन' भी किया था.
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