राजकोट गेमिंग जोन में 32 जानें लेने वाली वह चिंगारी उठी कहां से थी, देखिए CCTV वीडियो

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने रविवार सुबह घटनास्थल और घायल व्यक्तियों से मिलने के लिए अस्पताल का दौरा किया. मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और प्रत्येक घायल को पचास-पचास हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

Advertisement
Read Time: 4 mins

Rajkot's TRP Game Zone Fire: अभी भी लापता लोगों की तलाश जारी है.

राजकोट:

गुजरात के राजकोट शहर में ‘टीआरपी गेम जोन' में आग लगने के मामले में पुलिस ने इसका संचालन करने वाले एक व्यक्ति और एक प्रबंधक को गैर इरादतन हत्या के आरोप में रविवार को गिरफ्तार कर लिया है. इस दर्दनाक हादसे में 9 बच्चों समेत कम से कम 32 लोगों की मौत हुई है. जांच में सामने आया है कि ‘गेम जोन' के पास अग्नि संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी नहीं था. इसी बीच गेमिंग साइट पर लगी आग का एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वेल्डिंग करते समय ये आग लगती दिखाई दे रही है. वेल्डिंग से एक चिरांगी उठी और उसने पल में सब कुछ जाला डाला. चिंगारी पास में रखे प्लास्टिक के ढेर पर गिरी और उसमें आग लग गई.

Advertisement

वहां मौजूद श्रमिकों ने आग बुझाने का प्रयास भी किया लेकिन नाकाम रहे और आग ने पूरे ‘गेमिंग जोन को जला डाला. हालांकि इस वीडियो की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ये ‘गेम जोन' की है.

राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने संवाददाताओं को बताया कि स्थानीय पुलिस ने नवंबर 2023 में गेमिंग जोन के लिए बुकिंग लाइसेंस दिया था, जिसे एक जनवरी से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि के लिए नवीनीकृत किया गया था.अधिकारी ने कहा, 'गेम जोन को सड़क और भवन विभाग से अनुमति मिल गई थी. इसने अग्निशमन संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करने के लिए अग्नि सुरक्षा उपकरण का प्रमाण भी जमा किया था, इस पर काम प्रक्रिया में था और अभी तक पूरा नहीं हुआ था.' उन्होंने कहा कि गेम जोन में अग्नि सुरक्षा उपकरण थे लेकिन आग पर काबू पाने के लिए की गई कार्रवाई पर्याप्त नहीं थी, जिससे शनिवार को त्रासदी हुई.

Advertisement

उचित अग्निशमन उपकरण नहीं थे

प्राथमिकी के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने गेम जोन बनाने के लिए मेटल शीट फैब्रिकेशन का उपयोग करके लगभग दो-तीन मंजिला ऊंचा, 50 मीटर चौड़ा और 60 मीटर लंबा ढांचा बना रखा था. इसमें कहा गया कि संचालकों के पास उचित अग्निशमन उपकरण नहीं थे और उन्होंने स्थानीय अग्निशमन विभाग से एनओसी नहीं ले रखा था. राजकोट के पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने कहा कि टीआरपी गेम ज़ोन का संचालन करने वाले रेसवे एंटरप्राइज के एक साझेदार युवराज सिंह सोलंकी और इसके प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है.

Advertisement

प्राथमिकी के अनुसार, राजकोट तालुका पुलिस ने रविवार को जिन छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, उनमें धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर, रेसवे एंटरप्राइज के साझेदार- अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरन, युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ शामिल हैं. मामला छह ज्ञात व्यक्तियों और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए हैं.

Advertisement

प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 337 (ऐसे कृत्य से चोट पहुंचाना जो दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है), 338 (किसी व्यक्ति के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य करके उसे गंभीर चोट पहुँचाना) और धारा 114 (अपराध होने पर किसी व्यक्ति की मौजूदगी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

Advertisement

एसआईटी को सौंपी गई जांच

मामले की जांच अपराध शाखा और संयुक्त अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विधि चौधरी के नेतृत्व में राजकोट पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंप दी गई है. विशेष रूप से, गुजरात सरकार ने घटना की जांच के लिए राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी का भी गठन किया है.

बता दें कि अभी भी लापता लोगों की तलाश जारी है. लापता और मृतकों में से जिन लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है उनके रिश्तेदार बेहद ही परेशान हैं. राजकोट सिविल अस्पताल में भी कई शव पड़े हुए हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है. (भाषा इनपुट के साथ)

ये भी पढें-  बेबी केयर सेंटर का वो काला चिट्ठा, जानें- किन लापरवाहियों ने ले ली 7 मासूमों की जिंदगी