Kota News: जानलेवा मौसम की मार का पता उन्हें ज्यादा लगता है, जिनके सिर पर छत के बजाय नीले आसमान का सहारा होता है. इस भीषण गर्मी में जहां लोग दिनभर AC में बैठकर गुजार रहे हैं और घर से बाहर जरूरी काम करने के लिए निकलने में भी कतरा रहे हैं, तो ऐसे में सोचिए इस आग उगलते सूरज के नीचे फुटपाथ, पेड़ या किसी छप्पर की छांव लेने वालों का क्या हाल होता होगा. गर्मी इतनी अधिक है कि घर के अंदर रखी चीजें भी भभक रही हैं, तो सोचिए इस गर्मी में जिनके पास घर नहीं है उनका शरीर गर्मी में कैसे तप रहा होगा... खैर बात कर रहे हैं राजस्थान की भीषण गर्मी की. यहां के 11 शहरों में तापमान 47 डिग्री के पार है और 20 शहरों में तापमान 45 डिग्री के पार है. रात का तापमान 4 से 6 डिग्री अधिक है. यही हाल दिन में भी है. इसी के चलते हीट स्ट्रोक के 800 से ज्यादा मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं.
गर्मी से तपते कोटा में 48 घंटे में 21 लावारिस लाशें
दुख इस बात का है कि इतनी भीषण गर्मी में इन बेसहारा और बेघर लोगों के लिए सोचने वाला कोई नहीं है. अकेले कोटा में पिछले 48 घंटे में 21 लावारिस लाशें मिली हैं. ये शव अधिकतर फुटपाथ, रेलवे स्टेशन के आसपास या धार्मिक स्थलों के पास मिले हैं. इनमें सिर्फ 2 की पहचान हुई है. क्या इनकी मौत गर्मी के कारण हुई, इस पर सरकार बात करने से इंकार करती है. उनका कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद ही बता पाएंगे कि हीट स्ट्रोक से जानें गई हैं या नहीं, लेकिन ये मौतें बहुत से सवाल तो उठा ही रही हैं. दरअसल, एक दम से इतने सारे लोगों का फुटपाथ और बाहर खुले में मरने से शक यही है कि ये मौतें गर्मी के कारण हुई हैं. हालांकि राजस्थान सरकार के ऑफिशियल रिकॉर्ड की बात करें तो अब तक गर्मी के कारण राज्य में एक मौत हुई है.
दो दिन में इतने शवों की सूचना से अंतिम संस्कार करवाने वाली संस्था भी हैरान
कर्मयोगी सेवा संस्था पिछले कई सालों से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करवाती है. उनका कहना है कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि दो दिन में इतने सारे लावारिस शवों की सूचना पुलिस से मिली हो. कर्मयोगी सेवा संस्था के अध्यक्ष राजा राम ने कहा कि मुझे 24 साल हो गए ये काम करते हुए. इस साल लगातार पुलिस के फोन आ रहे हैं. पहली बार इतनी बड़ी संख्या में लावारिस शव मिले रहे हैं. इन लावारिस शवों में से दो की पहचान हो चुकी है. इनमें से एक मुन्ना खान है, जो नयापुरा दरगाह के बाहर सेवा करते थे और वहां फुटपाथ पर रहते थे. परिजनों का आरोप है कि मुन्ना की मौत गर्मी से हुई है.
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48 डिग्री तापमान में तप रहा कोटा
कोटा में तापमान 48 डिग्री पहुंच चुका है. मुर्दाघर में भी एक साथ इतने सारे शवों के पहुंचने से सरकार में भी हड़कंप मचा है. लेकिन जिला प्रशासन का कहना है कि ये सभी मौतें गर्मी से हुईं, ये अभी नहीं कह सकते. कोटा के कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि मौतें गर्मी से हुई या नहीं, ये कहना जल्दबाजी होगी. पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारण का पता चलेगा, लेकिन कोटा की सड़कों पर दम तोड़ती जिंदगी कुछ सवाल जरूर पूछ रही है. राजस्थान में सिर्फ कोटा ही नहीं, जगह-जगह से हीट स्ट्रोक की सूचनाएं आ रही हैं, पूरा प्रदेश सीवियर हीट वेव की पकड़ में है. 800 से ज़्यादा लोग बीमार हो कर अस्पताल पहुंचे हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि गर्मी के कारण मौत नहीं मानी जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री बोले- हमारे रिकॉर्ड में गर्मी से एक मौत
स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि रेलवे ट्रैक के पास शराबी और नशेड़ी मिलते हैं...ये कई बार हीट कंडीशन में एक जगह पड़े रहते हैं या कभी कम खाना खाता है तो हीट कंडीशन में मौत हो जा रही है. लेबर और कुली और किसान उनकी रोजी-रोटी है... उनके लिए गर्मी घातक है, लेकिन गर्मी से हमारे यहां रिकॉर्ड में एक मौत है. वहीं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा मानते हैं कि गर्मी के कारण छह लोगों की मौत हुई है.
राजस्थान में गर्मी ने तोड़ा 8 साल का रिकॉर्ड
एक बात साफ है कि राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर जारी है, जिसने पिछले 8 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है. गर्मी सहन कर पाना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है. ये गर्मी जानलेवा साबित हो रही है. हाल ही में कोटा के पास बूंदी ज़िले में भी 5 लोगों की मौतें हुईं. बूंदी लाइन पुलिस में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात जवान का पुलिस क्वार्टर में ही शव मिला.परिजनों का कहना है कि उनकी मौत गर्मी और लू से हुई है. बूंदी में दो दिनों के भीतर अलग-अलग इलाकों में पांच लोगों के शव मिले हैं. सभी मामलों में पोस्टमार्टम करवा कर सैंपल लैब को भेज दिए गए हैं. प्रशासन का कहना है कि सैंपल आने के बाद ही मामलों में कुछ कहा जा सकेगा. गौरतलब है कि बूंदी में पहले चार लोगों की मौत गर्मी के कारण हो चुकी है.बूंदी में लगातार पारा 47 से 48 डिग्री चल रहा है.
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