राजस्थान : गहराता जा रहा है जालोर का मामला, विवाद जाति का या छात्रों की लड़ाई का?

पिता देवाराम 20 जुलाई से लेकर 13 अगस्त तक अपने बेटे को 5 शहरों के 7 अस्पताल ले गए, लेकिन बचा नहीं सके. अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल में उसने आखिरी सांस ली .

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जालोर:

जालोर में नौ वर्षीय दलित छात्र को 20 जुलाई को कथित तौर पर स्कूल में घड़े को छूने के आरोप में एक शिक्षक ने पीटा था. उसकी 13 अगस्‍त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद से राजस्थान की राजनीति गर्म है. छात्र की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता देवाराम का आरोप है कि तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले उनके बेटे को 20 जुलाई को स्कूल के हेडमास्टर छैलसिंह ने इसलिए पीटा, क्योंकि उनके बेटे ने पानी पीने के लिए घड़े को छू लिया था.

पिटाई से छात्र के कान और आंखों पर गंभीर चोटें आई थीं. देवाराम 20 जुलाई से लेकर 13 अगस्त तक अपने बेटे को 5 शहरों के 7 अस्पताल ले गए, लेकिन बचा नहीं सके. 13 अगस्त को उनका बेटा नहीं रहा. अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल में उसने आखिरी सांस ली . पिता का कहना है कि पिटाई के बाद से उनके बेटे के हाथ पैर काम नहीं कर रहे थे. 

परिवार के आरोपों की सच्चाई जानने एनडीटीवी की टीम गांव के प्राइवेट सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल पहुंची. स्कूल की इमारत जर्जर नजर आई. बच्चे जमीन पर बैठ के पढ़ाई कर रहे थे . ना कुर्सी थी, ना चटाई थी. ये स्कूल आठवीं तक है. यहां 300 बच्चे पढ़ते हैं, जिसमें 64 बच्चे अनुसूचित जाति और जनजाति के हैं.  स्कूल के नए हेडमास्टर अशोक कुमार ने एनडीटीवी को बताया कि वो भी अनुसूचित जाति से हैं. स्कूल प्रशासन की माने तो स्कूल में ना कोई मटका है और ना ही छैलसिंह ने पानी पीने को लेकर छात्र इंद्र मेघवाल की पिटाई की. अशोक कुमार ने बताया कि यहां कोई मटका नहीं है. स्कूल में टंकी से पानी पिया जाता है. जानकारी के अनुसार, दो बच्चे आपस में झगड़े थे. दोनों को एक-एक थप्पड़ मारा था. स्कूल में जाति को लेकर कोई भेदभाव नहीं होता. सभी सम्मान पूर्वक व्यवहार रखते हैं. 

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स्कूल की पानी की टंकी में दो नल लगे हुए हैं. एक न तो पुराना है और दूसरे नल पर लगा सीमेंट ताजा है. ऐसा लगता है कि दो तीन दिन पहले ही ये नल लगाया गया हो. छात्र इंद्र के सहपाठी के मुताबिक, वो और इंद्र किताब को लेकर झगड़ रहे थे. इसलिए शिक्षक ने दोनों को ही एक-एक थप्पड़ मारा था. 

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एनडीटीवी की पड़ताल में पता चला कि इंद्र 2008 से कान की बीमारी से पीड़ित था. 2018 से इंद्र का इलाज गांव के सरकारी अस्पताल में चल रहा था. इसके चलते कान पर थोड़ी सी चोट भी जानलेवा साबित हो सकती थी. वहीं, इंद्र के परिवार का कहना है कि शिक्षक बच्चों में झगड़े वाली बात गांव के उच्च जाति के दबाव में बोल रहे हैं.  राजस्थान पुलिस ने आरोपी शिक्षक छैलसिंह को हत्या और अन्य धाराओं के अंतर्गत गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. 

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एडीजी क्राइम रवि प्रकाश ने बताया कि 11 अगस्त को अहमदाबाद में जब बच्चा भर्ती था तो वहां से डॉक्टर का फोन आया और बच्चे की स्थिति के बारे में पता चला. उसके बाद पुलिस ने परिवार वालों से प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए बात की.  उन्होंने कहा अभी हम इलाज करा रहे हैं. बच्चे की 13 तारीख को मृत्यु हो गई. उसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोपी टीचर को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि इस मामले में तुरंत गिरफ्तारी की गई . परिवार को सहायता और कांग्रेस की तरफ से बीस लाख रुपए भी दिए गए हैं. 

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