- देश के कई राज्यों में मानसून के कारण तेज बारिश और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है
- हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सबसे अधिक तबाही हुई है, विशेषकर मंडी और करसोग में
- करसोग में फ्लैश फ्लड से चार लोगों की मौत हुई है, जबकि गोहर में सात लोग लापता हैं
- मंडी में पंडोह डैम का जलस्तर बढ़कर 2922 फीट हो गया, खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है
मानसून आते ही देश के कई राज्यों में तेज बारिश और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. आसमानी आफत लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही हैं. भारी बारिश और बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड, राजस्थान में सबसे अधिक तबाही हुई है. राजस्थान के अलवर में बारिश के पानी से सड़कें, गली- मोहल्ले तालाब में तब्दील हो चुके हैं. वहीं, मंडी में मूसलाधार बारिश से 'जल प्रलय' जैसे हालात हैं.
मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी
हिमाचल प्रदेश के मंडी में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है. करसोग और धर्मपुर उपमंडल में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है. गोहर और सदर उपमंडल में भी भूस्खलन और जलभराव की कई घटनाएं सामने आई हैं. करसोग में फ्लैश फ्लड के कारण 4 व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि गोहर में सात लोग लापता बताए जा रहे हैं.
ब्यास नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा
मंडी में बारिश के चलते पंडोह डैम का जलस्तर तेजी से बढ़कर 2922 फीट तक पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 2941 फीट पर है. जलस्तर को नियंत्रित रखने के लिए डैम से ब्यास नदी में डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है. इससे ब्यास नदी पूरे उफान पर है और मंडी शहर में पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया. शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया. यहां सभी छोटे बड़े नदी-नाले उफान पर हैं.
सयाठी गांव में भूस्खलन से तबाही
हिमाचल के धर्मपुर की मंडप तहसील के सुंदल गांव के पास फ्लैश फ्लड से काफल भवानी माता मंदिर से आने वाला नाला उफान पर आ गया. यहां अभी किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है. हालांकि धर्मपुर की लौंगनी पंचायत के सयाठी गांव में भूस्खलन से एक मकान और कई गौशालाएं जमींदोज हो गईं. हादसे में मवेशियों और खच्चरों के हताहत होने की सूचना है.
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह बंद
पंडोह के पास पटीकरी पावर प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा है. बाखली और कुकलाह पुल टूट जाने से कई क्षेत्रों का संपर्क टूट गया है. वहीं, चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर यातायात पूरी तरह बंद है. मंडी में हो रही लगातार बारिश और संभावित खतरे को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थानों को एहतियातन बंद कर दिया गया है. राहत और बचाव टीमें अलर्ट मोड पर हैं.
मंडी में बादल फटने की घटना पर मंडी सेंट्रल रेंज की डीआईजी सौम्या सांबशिवन ने कहा कि गोहर क्षेत्र में 9 लोग लापता बताए गए हैं. उन्हें खोजने के लिए खोज जारी है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें गोहर और करसोग क्षेत्रों में तैनात हैं और बचाव अभियान चला रही हैं. मैं और एसएचओ विभिन्न स्थानों पर बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे हैं. कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं. हम सभी से मौसम विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने और अपनी यात्रा सीमित करने का आग्रह करते हैं. भूस्खलन, सड़क अवरोधों और बादल फटने की घटनाओं से निपटने और प्रभावित लोगों को बचाने के लिए राज्य के सभी जिलों में टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं.
राजस्थान में बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावि
राजस्थान में मानसून ने इस बार जोरदार दस्तक दी है. शहरी इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. धौलपुर, अलवर और कोटपुतली-बहरोड़ में तेज बारिश के चलते सड़कों पर पानी भर गया और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. कई जगहों पर घरों, दुकानों और सरकारी भवनों में पानी घुस गया, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया.
बारिश के कारण कई मार्ग बंद
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण कई मार्ग बंद हो गए हैं. कोटद्वार-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुमखाल के पास बैरगांव में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर सड़क पर गिरने से मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है. प्रशासन ने यात्रियों से सतर्क रहने और सावधानीपूर्वक वाहन चलाने की अपील की है.














