"देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं...?" : बिलकिस केस में दोषियों की रिहाई पर राहुल गांधी का सवाल

बिलकिस बानो रेप केस में सभी दोषियों को रिहा किये जाने के बाद सियासत भी गर्मा चुकी है. बिलकिस के साथ गैंगरेप और साल 2002 के गोधरा हिंसा के दौरान उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया है. अब इस मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को घेरा है.

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राहुल गांधी का सरकार से सवाल
नई दिल्ली:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के बिलकिस बानो मामले में बलात्कार एवं हत्या के 11 दोषियों की रिहाई को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. राहुल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर पूरा देश देख रहा है. कांग्रेस नेता ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री को उस वक्त निशाने पर लिया, जब गत सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि भारत की तरक्की के लिए महिलाओं का सम्मान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. उन्होंने ‘नारी शक्ति' का समर्थन करने की आवश्यकता पर जोर दिया था.

गुजरात में बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषी सोमवार को रिहा कर दिया गया. अब इस मामले पर राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा," 5 महीने की गर्भवती महिला से बलात्कार और उनकी 3 साल की बच्ची की हत्या करने वालों को 'आज़ादी के अमृत महोत्सव' के दौरान रिहा किया गया. नारी शक्ति की झूठी बातें करने वाले देश की महिलाओं को क्या संदेश दे रहे हैं? प्रधानमंत्री जी, पूरा देश आपकी कथनी और करनी में अंतर देख रहा है."

बिलकिस बानो केस केस में दोषियों की रिहाई होने पर सरकार को खूब आलोचना झेलनी पड़ रही है. तमाम पार्टी इस मसले पर बीजेपी को घेरने में लगी है. इसी कड़ी में राहुल गांधी ने अपने ट्वीट सरकार के फैसले पर सवाल उठाया. आपको बता दें कि बानो केस में दोषियों की रिहाई गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत की. मुंबई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को 21 जनवरी 2008 को सामूहिक बलात्कार और बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

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इसके बाद में बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने उनकी इस सजा को बरकरार रखा था इन दोषियों ने 15 साल से अधिक कैद की सजा काट ली, जिसके बाद उनमें से एक दोषी ने समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से सजा पर क्षमा पर गौर करने का निर्देश दिया. इसके बाद सरकार ने एक समिति का गठन किया. समिति के प्रमुख मायत्रा ने कहा क‍ि कुछ माह पहले गठित समिति ने सर्वसम्मति से मामले के सभी 11 दोषियों को क्षमा करने के पक्ष में निर्णय किया. राज्य सरकार को सिफारिश भेजी गई थी और कल हमें उनकी रिहाई के आदेश मिले.

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क्या है बिलकिस बानो केस

साल 2002 में तीन मार्च को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार पर हमला किया था. उस वक्त बिलकिस पांच महीने की गर्भवती थीं. बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. साथ ही उनके परिवार के सात सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. 

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