- उन्नाव रेप मामले की पीड़िता और परिवार राहुल गांधी से दिल्ली के 10 जनपथ पर मिलकर अपनी समस्याएं साझा करेंगे
- पीड़िता के परिवार को इंडिया गेट से हटाया गया है, जहां वे कुछ दिनों से न्याय की मांग कर रहे थे
- राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पीड़िता के समर्थन में पोस्ट कर जमानत मिलने की घटना को निराशाजनक बताया
उन्नाल रेप मामले में पीड़िता और उसके परिवार ने सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात की है. उन्राव रेप पीड़िता ने इस मुलाकात के बाद कहा है कि राहुल गांधी ने उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया है. सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद पीड़िता और उसके परिवार ने मीडिया से भी बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें देश की सर्वोच्च अदालत पर पूरा भरोसा है. आज शाम रेप पीड़िता अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ राहुल गांधी से 10 जनपथ पहुंचे थे. 10 जनपथ पहुंचते ही पीड़िता ने कहा था कि मैं अपना दुख साझा करने आई हूं. मैं चाहती हूं कि मैं पीएम मोदी से भी मिलूं. आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से दिल्ली में इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहा था. हालांकि, पीड़ित पक्ष के लोगों को अब इंडिया गेट से हटा दिया गया है. पीड़िता की मां इस मामले में आरोपी कुलदीप सेंगर की जमानत का विरोध कर रहे हैं. पीड़िता और उनके परिवार के समर्थन में अब राहुल गांधी आए हैं.
राहुल गांधी ने बुधवार को पीड़िता के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट भी किया था. इस पोस्ट में उन्होंने पीड़िता और उनके साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों को इंडिया गेट से हटाए जाने गलत बताया था.
राहुल गांधी ने इस व्यवहार को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी किया है. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि क्या एक गैंगरेप पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार उचित है? क्या उसकी “गलती” ये है कि वो न्याय के लिए अपनी आवाज़ उठाने की हिम्मत कर रही है? उसके अपराधी (पूर्व BJP MLA) को ज़मानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है. खासकर तब, जब पीड़िता को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा हो, और वो डर के साए में जी रही हो.
राहुल गांधी ने आगे कहा कि बलात्कारियों को ज़मानत, और पीड़िताओं के साथ अपराधियों सा व्यवहार - ये कैसा न्याय है? उन्होंने आगे लिखा कि हम सिर्फ़ एक मृत अर्थव्यवस्था नहीं -ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ हम एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं.लोकतंत्र में असहमति की आवाज़ उठाना अधिकार है और उसे दबाना अपराध है. पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए - न कि बेबसी, भय और अन्याय.














