राज्यसभा से निलंबित सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने निलंबन को चुनौती दी है. 11 अगस्त को राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था. दिल्ली सेवा विधेयक को लेकर पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर का आरोप चड्ढा पर लगा था. विशेषाधिकारी समिति की रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित रहेंगे.
पांच सांसदों का दावा था कि दिल्ली सेवा विधेयक को उनकी सहमति के बिना सेलेक्ट कमेटी को भेजने के प्रस्ताव पर उनके नाम का उल्लेख किया गया था. यह प्रस्ताव AAP सांसद राघव चड्ढा ने पेश किया था. विरोध दर्ज कराने वाले तीन भाजपा सांसद हैं, एक बीजद से हैं और अन्नाद्रमुक सांसद भी शामिल हैं. इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच की मांग की थी.
सरकारी बंगला भी खाली करने का आया था आदेश
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को मिले सरकारी बंगले को खाली कराने के लिए राज्यसभा सचिवालय के आदेश पर लगी अंतरिम रोक हटा दी थी जिसके बाद उनके सरकारी आवास के छिनने का भी खतरा सामने आ गया था. पंजाब से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को पिछले साल सितंबर में दिल्ली के पंडारा रोड पर टाइप-7 बंगला अलॉट हुआ था.
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