संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के भविष्य को लेकर शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर अहम बैठक की. बैठक के बाद किसान नेताओं ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें किसानों की लंबित मांगों पर विचार के लिए बुलाया है. इसके बाद बातचीत के लिए पांच लोगों का एक पैनल बनाया गया है. आंदोलन के स्वरूप, दशा और दिशा को लेकर किसान संगठनों ने इस बैठक में चर्चा की. संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों की बाकी की मांगों पर सरकार के बातचीत के लिए पांच लोगों के पैनल का नाम तय किया है. इस पैनल में युद्धवीर, अशोक धावले, बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, शिवकुमार कक्का का नाम शामिल है.
हालांकि दिल्ली की सीमाओं से किसानों के हटने को लेकर साफ कर दिया है कि जब किसानों पर दर्ज मुकदमे सरकार वापस नहीं लेती है, तब तक वो वापस जाने वाले नहीं हैं. किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने ये जानकारी दी. सभी किसान संगठन इस मांग पर एकमत हैं.
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बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि मोर्चा अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी और तब तक आंदोलन जारी रहेगा. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य, पिछले एक साल में आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने जैसी मांगों को लेकर फिलहाल आंदोलन जारी रखेंगे.
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मंगलवार को केंद्र ने संयुक्त किसान मोर्चा से एमएसपी सहित अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए 5 नाम मांगे थे. उसी दिन संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा था कि केंद्र की तरफ से फोन तो आया था लेकिन कोई ऑपचारिक संदेश नहीं मिला. सोमवार को ही संसद में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का बिल पास किया गया था.
हरियाणा के कई किसान शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर से मिले थे, लेकिन किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी और अन्य लंबित मुद्दों पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी.
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