गुरु नानक जयंती के अवसर पर इंदौर खालसा स्टेडियम में हुए प्रकाश पर्व आयोजन को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. दरअसल कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खालसा स्टेडियम में बुलाने को लेकर प्रसिद्ध कीर्तनकार मनप्रीत कानपुरीया ने इसका विरोध किया था. जिस पर आज सिख समाज के लोगों द्वारा खालसा स्टेडियम की पवित्र धरती को दूध और अमृतसर के पवित्र जल से अभिषेक किया गया. दरअसल 1984 के दंगों मैं शामिल कमलनाथ को लेकर सिख समाज में पहले ही रोष व्याप्त है और वहीं खालसा में हुए गुरु नानक जन्मदिवस पर प्रकाश पर्व पर कमलनाथ के आना आग में घी डालने जैसा काम कर गया. वहीं मंगलवार को इसको लेकर सिख समुदाय के लोगों द्वारा कमलनाथ का बैनर पोस्टर लगाकर नेवर फॉरगेट 1984 का बैनर लगाकर कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के फांसी देने के नारे लगाए गए. सिख समाज के लोगों का कहना है कि कुछ लोगों के चलते हमारे धार्मिक कीर्तनकार मनप्रीत कानपुर या अब इंदौर नहीं आने की बात कह गए थे.
जिस पर उन्होंने चैनल के माध्यम से अपील की है कि 2 लोगों के इस कृत्य को पूरे इंदौर के सिख समाज को जोड़ कर ना देखें. उन्होंने कहा कि यह आयोजन नहीं हमारा दुख है. महासचिव जसबीर सिंह गांधी राजा और साथ ही दानवीर सिंह छाबड़ा प्रभारी अध्यक्ष ने जो यहां पर कृत्य किया है उससे समाज में रोष व्याप्त हो गया है. युवा और बुजुर्गों से लेकर कई घरों में भोजन तक नहीं बना है. इतना गुस्सा है कि इंदौर के शहर के सिख समाज जेल के सलाखों में देखना चाहते थे जिसके चलते कई पीढ़ियां खप गई उसे सजा को लेकर आज जिसके लिए दुनिया में गुरुद्वारों में आस्था चलती है. 1984 के दिन की घटना की तारीख पर घरो में खाना नहीं बनता. आज उस व्यक्ति का कल पौने घंटा सम्मान किया गया.
उन्होंने कहा कि 1984 के दंगों के समय काम करने वाला कमलनाथ जैसे व्यक्ति का इस मंच से स्वागत करना गलत है वही जिस व्यक्ति को सजा दिलाने के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों के गुरुद्वारा में भी हरदा से होती है.आज ऐसे व्यक्ति का सम्मान गुरु नानक पर्व के प्रकाश पर्व पर मंच पर बुलाना कहीं ना कहीं ग्रंथि कीर्तन कारी मनप्रीत सिंह कानपुर को गलत लगा और उन्होंने अब इंदौर में वापस कभी नहीं आने की भरे मंच से बात कही है.
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