2009 लोकसभा चुनाव : राजनीति की पिच पर 'हिटविकेट' हुए नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ीं

2009 लोकसभा चुनाव : राजनीति की पिच पर 'हिटविकेट' हुए नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ीं

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो)

खास बातें

  • मामले में सिद्धू के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रायल चलेगा
  • मामला नियमों के मुताबिक 25 लाख से ज्यादा खर्च करने का है
  • इसके अलावा पंसद के अफसर को रिटर्निंग बनाने के आरोप
नई दिल्ली:

2009 लोकसभा चुनाव के मामले में पूर्व बीजेपी नेता नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस मामले में सिद्धू के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रायल चलेगा. यह मामला नियमों के मुताबिक 25 लाख से ज्यादा खर्च करने का है और इसी मामले में अब ट्रायल चलेगा. इसके अलावा पंसद के अफसर को रिटर्निंग बनाने के आरोप में भी ट्रायल चलेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने आज नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर ही अपना फैसला सुनाया है. सिद्धू ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 2010 के फैसले को चुनौती दी थी.
 
दरअसल 13 मई 2009 को सिद्धू ने अमृतसर लोकसभा से चुनाव लड़ा था और 16 मई को रिजल्ट में उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी ओमप्रकाश सोनी को हरा दिया था. सोनी ने 29 जून 2009 को हाईकोर्ट में सिद्धू के खिलाफ नियमों के खिलाफ 25 लाख रुपये से ज्यादा के चुनाव खर्च का आरोप लगाते हुए चुनाव याचिका दायर की जो हाईकोर्ट ने 6 दिसंबर 2010 को सुनवाई के लिए मंजूर कर ली थी.

याचिका में दोबारा चुनाव कराने की मांग की गई थी. सोनी ने याचिका में ये भी आरोप लगाया कि सिद्धू ने चुनाव के लिए अपनी पसंद के अफसर को ट्रांसफर भी कराया. हालांकि हाईकोर्ट ने सोनी को कुछ आधार हटाने के लिए भी कहा था.

सिद्धू ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि याचिका ओछी है और तथ्यों से परे है. 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी.


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