ग्वालियर में आज कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी पहुंची है. उनकी ग्वालियर यात्रा कई मायनों में खास है. इसके जरिये प्रियंका ने सियासी मायने भी दिए और कांग्रेस को भविष्य की अपनी पार्टी की सियासत की गाइडलाइन भी सौंपी. यह पहला मौका है जब गांधी नेहरू परिवार का कोई सदस्य ग्वालियर आया और सिंधिया परिवार का कोई सदस्य उनके साथ नही है. पहली बार ही था जब प्रियंका के सामने सिंधिया को गद्दार बताने वाले पोस्टर और बैनर लिए कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता न केवल खड़े थे बल्कि आक्रामक नारे भी लगा रहे थे.
मणिपुर हिंसा को लेकर प्रियंका गांधी ने दिया बयान
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के गठबंधन पर तो उनके पास तत्काल समय निकल आया लेकिन मणिपुर 76 दिनों से जल रहा है. वहां बहनों के साथ जो शर्मनाक हो रहा है उस पर कुछ करने की जगह बोलने के लिए भी 76 दिन में नही मिला.
भटकाने की राजनीति का खराब दौर चल रहा है- प्रियंका गांधी
उन्होंने कहा कि इस समय आलोचना और आत्म प्रशंसा के जरिये भटकाने की राजनीति का खराब दौर चल रहा है . मैं भी सरकार गिराने वाले सिंधिया के खिलाफ आधा घंटे बोल सकती हूं कि कैसे रातोंरात उनकी विचारधारा बदल गई. लेकिन मैं यह राजनीति नही करना चाहती. मैं ऐसी राजनीति करना चाहती हूँ जो मंहगाई कम करने, बेरोजगारों को रोजगार देने, दलित, आदिवासियों और महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों पर सिर्फ भाषण न दे बल्कि उन्हें सुरक्षा दे . मैं सबसे आग्रह क़रतीं हूं कि जब भी कोई नेता उनके पास आये तो वे उससे सवाल पूछे कि आपके दोस्त एक उद्योगपति को रोजाना लाखों की कमाई और किसान को महज 27 रुपये क्यो होती है.
महाकाल से लेकर पटवारी परीक्षा घोटाले तक का जिक्र
उन्होंने महाकाल से लेकर पटवारी परीक्षा घोटाले तक का जिक्र किया और कहा कि जैसी मंशा से सरकार बनती है, वैसा ही काम करती है. यह सरकार पैसों से खरीदकर बनी है तो बस पैसे और घोटालों का ही काम कर रही है. प्रियंका ने अपनी पार्टी के वादे दोहराए. उन्होंने कहा कि ये एमपी की 18 साल से चल रही सरकार के 23 हजार वादों जैसे नही हैं, बल्कि कांग्रेस शासित राज्यों में इन्हें पूरा किया गया है और एमपी में भी सरकार बनने के बाद ऐसा करेंगे, इसीलिए हम वादे नहीं गारंटी कहते हैं.
गद्दार बनाम गद्दार
कुछ समय पहले एमपी में कुछ होर्डिंग लगाए गए थे, जिन्हें सोशल मीडिया पर भी वायरल किया गया था. इसमें प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पोस्टर लगाए गए थे. हालांकि, ये किसने लगाए इसकी जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली. लेकिन शुक्रवार को ग्वालियर में प्रियंका गांधी के दौरे के समय कांग्रेस नेता इसका आक्रामक अंदाज़ में जवाब देते नजर आए.
प्रियंका का यह पहला दौरा था और यहां से उन्हें विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान का आगाज़ करना था. पहले तय हुआ था कि प्रियंका एयरपोर्ट से सीधे मेला मैदान आएंगी और वहां जन आक्रोश रैली को संबोधित करके वापिस लौट जाएंगी. लेकिन जब प्रियंका के दफ्तर से फाइनल कार्यक्रम आया तो कांग्रेसियों की बांछें खिल गई. इसके अनुसार उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर की. इसके जरिये साफ हो गया कि नेहरू गांधी परिवार अब बगावत कर अपनी सरकार गिराने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को बख्शने वाले नही है.
समाधि स्थल पर गद्दार वाले पोस्टर और नारे
प्रियंका गांधी के वीरांगना लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर जाने का कार्यक्रम जुड़ने से कोंग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह आया. वहीं, प्रियंका ने भी इसके जरिये संकेत दे दिए कि अब पार्टी पुराने रिश्तों को तिलांजलि देकर सिंन्धिया को सीधे निशाने पर लेगी. यही वजह है कि कांग्रेस के अनेक नेता और कार्यकर्ता अपने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर प्रियंका के आने के बहुत पहले ही समाधि स्थल के आसपास जमा हो गए जिन पर गद्दार लिखा था.
वे नारे लगा रहे थे रानी हम शर्मिंदा है तेरे कातिल जिंदा हैं. यहां कांग्रेस ने सुभद्राकुमारी चौहान की कविता बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी.. का एक बड़ा होर्डिंग भी लगाया था . इसी की एक पंक्ति अंग्रेजों के मित्र सिंधिया ने छोड़ी राजधानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी ,को उदृत कर बीजेपी शुरू से ही माधव राव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधती थी. लेकिन बदले राजनीतिक हालातों में सब कुछ उलट-पुलट गया है . सिंधिया अब बीजेपी में है जो उन्हें गद्दार कहती थी और सदैव से बचाव की मुद्रा में रहने वाली कांग्रेस अब उन्हें गद्दार कहकर घेरती दिखी.