प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित प्रगति मैदान में पुनर्विकसित अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र परिसर (आईईसीसी) को राष्ट्र को समर्पित किया. इससे पहले उन्होंने आज सुबह परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की.पूजा करने के बाद प्रधानमंत्री ने इस परिसर के पुनर्विकास में योगदान देने वाले श्रमिकों से मुलाकात की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाई. शाम में परिसर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने इसका उद्घाटन किया. नये परिसर को ‘भारत मंडपम' नाम दिया गया है.इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत की अध्यक्षता में हो रही जी-20 बैठकों पर दो स्मारक सिक्का और दो डाक टिकट जारी किये.
अधिकारियों के मुताबिक, यह परिसर देश में अन्तरराष्ट्रीय बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर आधारित है. इस परियोजना को लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है. लगभग 123 एकड़ भूभाग में तैयार यह परिसर देश के सबसे बड़े बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनी केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है. आयोजनों के लिए उपलब्ध स्थान के मामले में यह परिसर विश्व के शीर्ष प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्रों में से एक है. इसमें सम्मेलन केंद्र, प्रदर्शनी हॉल और एम्फीथियेटर सहित कई अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं.
इस सम्मेलन केंद्र को प्रगति मैदान परिसर के केंद्रीय स्थल के रूप में विकसित किया गया है. इस परिसर में बहु-उद्देश्यीय हॉल और प्लेनरी हॉल की संयुक्त क्षमता 7,000 लोगों की है, जो ऑस्ट्रेलिया के सिडनी ओपेरा हाउस से अधिक है. इसके शानदार एम्फीथियटर में 3,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.
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