प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को अफगानिस्तान संकट पर जी-20 बैठक (G20 Summit on Afghanistan) में हिस्सा लिया. इस मौके पर उन्होंने कट्टरपंथ, आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के गठजोड़ के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का आह्वान किया, साथ ही अफगान नागरिकों के लिये तत्काल व निर्बाध मानवीय सहायता का आह्वान किया. बैठक में पीएम ने यह सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया कि अफगानिस्तान का क्षेत्र कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत न बने.
उधर, कजाकिस्तान के नूर सुल्तान में भारत ने कहा कि अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम से क्षेत्र में तथा इससे परे ‘स्पष्ट चिंता'उत्पन्न हुई है और काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन को बढ़ावा देना एवं यह सुनिश्चित करना व्यापक रूप से जानी-पहचानी प्राथमिकताएं हैं कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद का समर्थन करने के लिए न हो. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह टिप्पणी एशिया में वार्ता और विश्वास निर्माण उपाय सम्मेलन (सीआईसीए) के विदेश मंत्रियों की कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट तोकायेव के साथ यहां संयुक्त बैठक में की.
जयशंकर ने कहा, ‘अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम से क्षेत्र में और इससे परे ‘स्पष्ट चिंता' उत्पन्न हुई है तथा काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन को बढ़ावा देना एवं यह सुनिश्चित करना व्यापक रूप से जानी-पहचानी प्राथमिकताएं हैं कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद का समर्थन करने के लिए न हो.'अमेरिका पर हुए 9/11 हमलों के कुछ समय बाद अफगानिस्तान से अपदस्थ किए गए तालिबान ने 20 साल बाद गत अगस्त के मध्य में पश्चिम समर्थित निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर अफगानिस्तान पर फिर से कब्जा कर लिया था
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