राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu)ने गुरुवार को समुद्र में भारतीय नौसेना (Indian Navy) के परिचालन प्रदर्शन को देखा. मुर्मू स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर गईं और भारतीय फाइटर जेट में भी सवार हुईं. ये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की समुद्र में भारतीय नौसेना के जहाजों के साथ पहला अनुभव था. इस दौरान उन्हें भारतीय नौसेना की भूमिका, चार्टर और संचालन की अवधारणा के बारे में जानकारी दी गई.
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस दौरान कई नौसैनिक अभियानों को देखा. इन नौसैनिक अभियानों में जहाज के डेक से लड़ाकू विमानों का टेक-ऑफ और उनकी लैंडिंग, एक वॉरशिप से मिसाइल फायरिंग का अभ्यास, सबमरीन संचालन, 30 से अधिक विमानों का शानदार फ्लाईपास्ट शामिल था. इसका समापन वॉरशिप के पारंपरिक स्टीम-पास्ट के साथ हुआ. राष्ट्रपति गोवा में नेवल एयर स्टेशन, हंसा पहुंचीं थीं. यहां एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने उनका स्वागत किया.
इस दौरान पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह भी मौजूद रहे. राष्ट्रपति के आगमन पर 150 जवानों द्वारा औपचारिक 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया. इस दौरान INS विक्रांत को गोवा के समुद्र में उतारा गया. INS विक्रांत यहां भारतीय नौसेना के 15 अग्रिम पंक्ति के वॉरशिप और सबमरीन के साथ मौजूद था.
राष्ट्रपति के X हैंडल से शेयर की गईं तस्वीरें
राष्ट्रपति के X हैंडल से इसकी तस्वीरें शेयर की गई है. पोस्ट में लिखा गया, "भारत के स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर 'समुद्र में एक दिन' के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मिग 29K के टेक-ऑफ और लैंडिंग, एक युद्धपोत से मिसाइल फायरिंग अभ्यास और पनडुब्बी संचालन सहित कई नौसैनिक अभियानों को देखा. राष्ट्रपति ने INS विक्रांत के चालक दल के साथ भी बातचीत की, जिसमें जहाज पर तैनात महिला अग्निवीरों का पहला बैच शामिल था. राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा में अधिक योगदान देने के लिए महिलाओं के लिए अधिक अवसर पैदा करने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की है."
INS विक्रांत के चालक दल से की बातचीत
राष्ट्रपति ने इस दौरान INS विक्रांत के चालक दल के साथ भी बातचीत की, जिसके बाद समुद्री बेड़े के लिए दिए गए उनके संबोधन को समुद्र में भारतीय नौसेना की सभी इकाइयों के लिए प्रसारित किया गया.
पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है INS विक्रांत
INS विक्रांत पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है. इसे नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है. यह जहाज 4 अगस्त 2021 को पहले समुद्री परीक्षणों के लिए रवाना हुआ था. इसे भारतीय नौसेना में 2 सितंबर 2022 को कमीशन किया गया था.
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