मशहूर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने पिछले दो सप्ताह में दूसरी बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की है, इन मुलाकातों के बाद 'मिशन 2024' के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ 'तैयारियों' की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. सूत्रों ने बताया कि शरद पवार और प्रशांत किशोर के बीच यह मुलाकात दिल्ली में हुई, इससे पहले दोनों 11 जून को एनसीपी प्रमुख के मुंबई स्थित आवास पर मिले थे. मीटिंग करीब आधा घंटे चली. इन दोनों की मीटिंग को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर वृहद परिप्रेक्ष्य और पीएम मोदी को चुनौती देने के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार की चर्चाओं के तौर पर देखा जा रहा है.
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प्रशांत कुमार, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के 'रणनीतिकार' थे. उन्होंने इस कठिन 'लड़ाई' में तृणमूल कांग्रेस को बीजेपी की कठिन चुनौती के खिलाफ जीत दिलाई थी और ममता की अगुवाई में टीएमसी के तीसरी बार सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त किया था. पश्चिम बंगाल में जीत के बाद जब ममता से पूछा क्या था कि क्या वे खुद को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर देखती हैं तो उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया था. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा था, 'मेरे विचार से सब मिलकर, हम 2024 की 'लड़ाई लड़' सकते हैं लेकिन अभी पहले कोविड-19 से लड़ाई लड़नी है.' शिवसेना के नेता संजय राउत भी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी पार्टियों के अलायंस की वकालत कर चुके हैं. राउत ने कहा था कि उनकी इस बारे में शरद पवार से भी बात हुई है.
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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद प्रशांत किशोर ने बतौर रणनीतिकार काम नहीं करने की घोषणा की थी और कहा था कि वे इस "पेशे को छोड़ना" चाहते हैं. प्रशांत किशोर ने NDTV से कहा था, "मैं जो करता हूं, अब उसे जारी नहीं रखना चाहता. मैंने काफी कुछ किया है. मेरे लिए एक ब्रेक लेने और जीवन में कुछ और करने का समय है. मैं इस जगह को छोड़ना चाहता हूं." राजनीति में फिर से वापसी की बात पर उन्होंने कहा, "मैं एक विफल नेता हूं. मैं वापस जाऊंगा और देखूंगा कि मुझे क्या करना है."