मुंबई में उद्यान का नामकरण टीपू सुलतान के नाम पर होने से राजनीति गर्म

मुंबई में बीजेपी ने रास्ता रोको आंदोलन किया तो कांग्रेस कह रही है कि उद्यान का नाम 15 साल पुराना

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मुंबई में बीजेपी और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया.

मुंबई:

मुंबई में टीपू सुलतान के नाम पर राजनीति गर्म है. मालाड से कांग्रेस विधायक और कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने मालवणी के एक उद्यान का नाम टीपू सुल्तान के नाम रखा है जिसका आज उद्घाटन था. बीजेपी का कहना है कि हिंदुओं का नरसंहार करने वाले का नाम देना गलत है और वह यह किसी भी कीमत पर नहीं होने देगी. नाराज बीजेपी ने मोर्चा निकाला. 

मालाड पश्चिम में मार्वे रोड पर हंगामा टीपू सुलतान को लेकर हुआ. बीजेपी और बजरंग दल का आरोप है कि कांग्रेस के स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री असलम शेख मालवणी में एक उद्यान को टीपू सुल्तान नाम देकर हिंदुओं का अपमान कर रहे हैं. 

आज  आंदोलन की घोषणा की गई थी, हालांकि पुलिस ने मैदान से एक से डेढ़ किलोमीटर दूर ही सभी को रोक दिया. इस दौरान बीजेपी के सांसद गोपाल शेट्टी, विधायक अतुल भातखलकर और मुंबई बीजेपी अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा भी मौजूद थे.

मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को जिसने लंबे समय तक हिंदुओं का मानमर्दन किया, उसके नाम पर अगर उद्यान का नाम दिया जाएगा तो ये हिन्दू समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा.

सांसद गोपाल शेट्टी ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है टीपू सुलतान नाम बीएमसी और म्हाडा ने दिया नहीं है. मैंग्रोव की जमीन पर बना मैदान भी आरक्षित जगह पर नहीं है. ऐसे में इसे हटाने का काम पुलिस का है.

जब बीजेपी औऱ बजरंगदल वाले मैदान तक पहुंचने के लिए पुलिस के साथ संघर्ष कर रहे थे उसी समय कैबिनेट मंत्री असलम शेख ने मैदान का लोकार्पण कर आम जनता को समर्पित कर दिया. असलम शेख के मुताबिक इस मैदान का नाम 15 साल से टीपू सुलतान के नाम है फिर आज इसका विरोध क्यों? 

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असलम शेख ने कहा कि मैंने नामकरण का उद्घाटन तो किया ही नहीं है. बस यही समझना है कि भारतीय जनता पार्टी कैसे लोगों को मूर्ख बनाती है.

हालांकि मैदान का गेट हो या असलम शेख का बैनर, सब जगह टीपू सुलतान का नाम साफ लिखा गया है
जबकि बीएमसी में ना तो कोई प्रस्ताव दिया गया है और न ही बीएमसी ने पास किया है. बीजेपी ने इस  मामले पर शिवसेना की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है. हालांकि महापौर किशोरी पेडनेकर ने मैदान को रानी लक्ष्मीबाई नाम देने की बात कह एक नया मोड़ देने की कोशिश की है.

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