सुप्रीम कोर्ट पहुंची UP चुनाव की सियासी लड़ाई, BJP नेता ने की सपा का पंजीकरण रद्द करने की मांग

याचिका में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं किया गया है. इसलिए सपा का पंजीकरण रद्द किया जाय. याचिका में कहा गया है कि कुख्यात गैंगस्टर नाहिद हसन, धोखाधड़ी और जबरन वसूली के मामलों का सामना कर रहा है. वो कैराना से हुए हिंदू पलायन के पीछे का मास्टरमाइंड भी रहा है. 

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) की सियासी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  पहुंच गई है. बीजेपी (BJP) नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने एक जनहित याचिका दायर कर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है. याचिका में अश्विनी उपाध्याय ने समाजवादी पार्टी द्वारा कैराना निर्वाचन क्षेत्र से नाहिद हसन को मैदान में उतारने को चुनौती दी है.

याचिका में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवार के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं किया गया है. इसलिए सपा का पंजीकरण रद्द किया जाय. याचिका में कहा गया है कि कुख्यात गैंगस्टर नाहिद हसन, धोखाधड़ी और जबरन वसूली के मामलों का सामना कर रहा है. वो कैराना से हुए हिंदू पलायन के पीछे का मास्टरमाइंड भी रहा है. 

याचिका में आरोप कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने न तो नाहिद हसन के आपराधिक रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया में प्रकाशित किया और न ही उसकी उम्मीदवारी का कारण बताया है, जो फरवरी 2020 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अनिवार्य है. 

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सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में कहा था कि उन राजनीतिक दलों के अध्यक्ष के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​का मामला दर्ज किया जाए जो सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले का उल्लंघन करते हैं. याचिका में कहा गया है कि सुनिश्चित करें कि प्रत्येक राजनीतिक दल प्रत्येक उम्मीदवार के आपराधिक मामलों के विवरण के साथ-साथ इस तरह के चयन के कारण को अपनी आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर 48 घंटे के भीतर बड़े अक्षरों में प्रकाशित करे.

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में बिहार विधानसभा में अपनी आधिकारिक वेबसाइटों के साथ-साथ समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का ब्योरा ना देने पर आठ राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया था. उसी का हवाला देकर बीजेपी नेता ने समाजवादी पार्टी पर कार्रवाई की मांग की है.

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