"नोटबंदी नहीं...ये व्यवहारिक अर्थव्यस्था का हिस्सा": NDTV से बोले PM के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा

प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "बड़े नोट की एक अवधि होती है. नोट के पेपर खराब भी हो जाते है. ATM में 2 हजार के नोट पहले से ही नहीं मिल रहे थे. बजार से करीब 90 प्रतिशत 2 हजार के नोट को RBI ने पहले ही वापस ले लिया था. 3

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"90 प्रतिशत 2 हजार के नोट पहले ही वापस ले लिए गए थे"

नई दिल्ली: 2016 में नोटबंदी के बाद दो हजार के नोट चलन में आया. लेकिन फिर इसे बीते शुक्रवार को बंद कर दिया गया. 30 सितंबर तक बैंक के जरिए 2 हजार के नोट को बदल सकता है. लेकिन पिछली नोटबंदी से ये अलग कैसे हैं और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 हजार रुपए छापने के पक्ष में थे? इस पूरे मामले को विस्तार से जानने के लिए NDTV ने प्रधानमंत्री के उस वक्त प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्रा से बातचीत की.

NDTV से प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "2016 में डिमोनेटाइजेशन हुआ था. ये नोटबंदी नहीं है. ये व्यवहारिक अर्थव्यस्था का हिस्सा है. प्रधानमंत्री कभी नहीं दो हजार रुपए छापने के पक्ष में थे. लेकिन उनकी टीम ने कहा कि कम समय में इतने रुपए की प्रिंटिंग नहीं हो सकती थी. टीम के कहने पर उस वक्त कम वक्त के लिए ये नोट छापने पर प्रधानमंत्री राजी हुए थे. हालांकि, दो साल बाद यानि 2018 में ही इसकी प्रिंटिग को रोक दिया गया. प्रधानमंत्री जी हमेशा ये सोचते थे कि गरीब के लिए इतने बड़े नोट नहीं है. वो ये भी मानते थे कि इससे काले धन को संग्रह करने की प्रवृति होगी. साथ भी टैक्स चोरी भी बढ़ेगी.

"90 प्रतिशत 2 हजार के नोट पहले ही वापस ले लिए गए थे"
प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "बड़े नोट की एक अवधि होती है. नोट के पेपर खराब भी हो जाते है. ATM में 2 हजार के नोट पहले से ही नहीं मिल रहे थे. बजार से करीब 90 प्रतिशत 2 हजार के नोट को RBI ने पहले ही वापस ले लिया था. 30 सिंतबर तक 2 हजार के नोट को वापस करने के लिए समय दिया गया है. तय समय सीमा में लोग बैंक जाकर 2 हजार के नोट को बदल सकते हैं. नोट बदलने पर कोई पूछताछ नहीं होगी. एक बार में 10 नोट बदल सकते हैं. आज मैं किसी अथॉरिटी में नहीं हूं. लेकिन यह कह सकता हूं कि इसे नोटबंदी से नहीं जोड़ना चाहिए. बड़े नोट नहीं छपने चाहिए. सभी लोगों को सरकार के इस फैसले का स्वागत करना चाहिए".

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"...इसे नोटबंदी से नहीं जोड़ना चाहिए"
"नोटबंदी के समय 1 हजार के नोट को नहीं छापना था. कम समय में बजार तक ज्यादा पैसा पहुंचाने के लिए 2 हजार के छापे गए थे. प्रधानमंत्री का यह फैसला अस्थायी था. टीम के कहने पर वो 2 हाजार के नोट के लिए सहमत हुए थे. लेकिन धीरे-धीरे इस नोट को बजार से वापस ले लिया गया. बड़े नोट को बजार से खत्म करके छोटे नोट का प्रचलन किया जा रहा है. नोटबंदी का तो कोई सवाल ही नहीं है":  नृपेंद्र मिश्रा, प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान

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एक बार में 2000 रुपये के 10 नोटों को बदल सकेंगे 
आपको सबसे पहले ये बता दें कि  RBI ने बैंकों को तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के बैंक नोट (2000 Rupee Currency Note) जारी ना करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही बैंकों को दो हजार रुपये के नोट बदलने को लेकर भी निर्देश दिए हैं. जिसके मुताबिक, आप 23 मई से 30 सितंबर, 2023 तक दो हजार रुपये (Rs 2000 Notes) के नोट को अन्य नोटों में बदलवा सकते हैं. लेकिन यहां आरबीआई ने एक लिमिट रखी है, आप एक बार में 2000 रुपये के 10 नोट यानी 20,000 रुपये के मूल्य के नोटों को ही अन्य नोटों में बदल सकते हैं.

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