"पश्चिम एशिया के घटनाक्रम से नई चुनौतियां उभर रहीं": ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में प्रधानमंत्री मोदी

‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि नई तकनीक से ग्लोबल साउथ और नार्थ के बीच दूरियां नहीं बढ़नी चाहिए.

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नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल ‘वॉयस आफ ग्लोबल साउथ समिट' को संबोधित करते हुए कहा कि ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' 21वीं सदी की बदलती दुनिया को प्रतिबिम्बित करने वाला सर्वश्रेष्ठ मंच है. जी20 ने इस बार जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए धन देने पर महत्वपूर्ण गंभीरता दिखाई है. हम 100 से अधिक देश हैं लेकिन हमारी प्राथमिकताएं समान हैं. जी20 में ग्लोबल साउथ के देशों को जलवायु परिवर्तन पर आसान शर्तों पर वित्त और प्रौद्योगिकी प्रदान करने की सहमति बनी.

ग्लोबल साउथ और नार्थ के बीच दूरियां नहीं बढ़नी चाहिए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहा, "मैं उस ऐतिहासिक क्षण को नहीं भूल सकता, जब भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में जी20 में शामिल किया गया था." पीएम मोदी ने कहा कि भारत का मानना है कि नई तकनीक से ग्लोबल साउथ और नार्थ के बीच दूरियां नहीं बढ़नी चाहिए. आज AI के युग में टेक्नोलॉजी को जिम्‍मेदारी के साथ उपयोग में लाने की बहुत जरूरत है. इसको आगे बढ़ाने के लिए भारत में अगले महीने 'एआई ग्लोबल साउथ समिट' (AI Global Partnership Summit) आयोजित की जा रही है.     

इजरायल-हमास युद्ध में आम नागरिकों के मारे जाने...
भारत ने इजरायल पर आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने बातचीत, कूटनीति के साथ-साथ संयम पर भी जोर दिया है. हम हमास और इजरायल के बीच संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. अब वक्त आ गया है कि ग्लोबल साउथ के देशों को पूरी दुनिया के व्यापक हित में मिल कर आवाज उठानी चाहिए. 

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पिछले वर्ष दिसंबर में जब भारत ने G20 की अध्यक्षता संभाली, तो हमने इस फोरम में ग्‍लोबल साउथ के देशों की आवाज को आगे बढ़ाना अपना दायित्व माना. हमारी प्राथमिकता थी कि G20 को ग्लोबल स्केल पर समावेशी और ह्यूमन सेंट्रिक बनाया जाए. 

पांच ‘सी'के तहत सहयोग की अपील
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिखर सम्मेलन में पांच ‘सी'- परामर्श, संचार, सहयोग, रचनात्मकता और क्षमता निर्माण के ढांचे के तहत सहयोग की अपील की. उन्‍होंने कहा कि वैश्विक समृद्धि के लिए सबका साथ और सबका विकास जरूरी है. लेकिन हम सभी देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां उभर रही हैं. भौगोलिक रूप से तो ग्‍लोबल साउथ हमेशा से रहा है, लेकिन उसे इस प्रकार से आवाज पहली बार मिल रही है. ये हम सभी के साझा प्रयासों से संभव हुआ है.

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