प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) का विस्तृत उल्लेख किया और राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा, जिन्होंने पिछले सप्ताह सरकार पर हमला किया था. अपने समय में महंगाई पर आलोचनाओं से घिरे प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले प्रधान मंत्री के रूप में लाल किले से जवाहरलाल नेहरू के राष्ट्र के नाम संबोधन का जिक्र किया.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महंगाई पर नियंत्रण रखने की कोशिश कर रही है और यह उनकी प्राथमिकता है.
पीएम मोदी ने कहा, "पंडित नेहरू ने लाल किले से (जब वैश्वीकरण का दौर नहीं था) कहा था- 'कोरिया में युद्ध हमें प्रभावित कर रहा है. इसलिए कीमतें बढ़ती हैं और वे हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं.' भारत के पहले प्रधान मंत्री ने अपने हाथों को कैसे खड़े कर लिए थे?"
'सरासर झूठ' : कोरोना काल में प्रवासियों के पलायन को लेकर PM के बयान पर केजरीवाल का पलटवार
उन्होंने आगे कहा, "अगर अमेरिका में कुछ होता है, तो यह हमारे सामान की कीमत को प्रभावित करता है. कल्पना कीजिए कि महंगाई की समस्या कितनी गंभीर थी- यह बात नेहरू को लाल किले से कहनी पड़ी.अगर आप आज सत्ता में होते तो महंगाई को कोरोना वायरस पर दोष देकर भाग जाते."
जैसे ही कांग्रेस ने इसका विरोध किया तो प्रधान मंत्री ने चुटकी ली: "आप शिकायत करते हैं कि मैं पंडित जी का नाम नहीं लेता. आज मैं नेहरू जी कहता रहूँगा- एंज्वाय कीजिए... आप कहते रहते हैं कि मोदी जी नेहरू जी का नाम नहीं लेते. इसलिए मैं आपकी इच्छा पूरी कर रहा हूं."
प्रधानमंत्री जी, कोरोना की तबाही का सच आपके भाषणों में क्यों नहीं आता है?
2014 के आम चुनावों में कांग्रेस की 44 सीटों की संख्या का मजाक उड़ाते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने "गरीबी हटाओ" के नारे पर चुनाव जीता था लेकिन "गरीब ने उन्हें ही हटा दिया."
पीएम मोदी ने कहा कि जिन्होंने इतिहास से सबक नहीं लिया, वे "इसमें खुद को खोने" का जोखिम उठाते हैं. उन्होंने राहुल गांधी के इस आरोप पर भी पलटवार किया कि सरकार ने केवल कुछ मुट्ठी भर उद्योगपतियों का पक्ष लिया है.
पीएम मोदी ने कहा, "कांग्रेस में कुछ लोग कुछ उद्यमियों को कोरोना वेरिएंट कहते हैं. वे इसे एए वेरिएंट कहते हैं. नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकारों के दौरान लोग टाटा-बिड़ला की सरकार कहते थे. अब आप उनकी भाषा बोल रहे हैं." उन्होंने कहा, 'जिन्हें महल में रहने की आदत है, उन्हें क्या पता कि छोटे किसानों का क्या हाल होता है.