PM मोदी ने तीसरे टर्म के ढाई महीने में ही रख दी चौथे कार्यकाल की नींव, समझिए उनके बयान के क्या हैं मायने?

राजनीतिक पंडितों ने दावा किया था कि हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) में BJP के अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं करने के कारण मोदी की चमक फीकी पड़ गई है, लेकिन प्रधानमंत्री ने ‘फिनटेक’ फेस्ट में साफ मैसेज दिया कि उनके कदम रुकने वाली नहीं हैं.

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पीएम मोदी ने शुक्रवार को मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में हुए ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित किया.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने शुक्रवार को मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (Global FinTech Fest) में भाषण दिया. इस इवेंट में पीएम मोदी ने कहा, "आज मैं कुछ लोगों से मिला. हरेक को 10-10 होमवर्क देकर आया हूं...क्योंकि मैं समझ सकता हूं कि ये बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला क्षेत्र है. बहुत बड़ा रिवॉल्यूशन होने वाला है. उसकी मजबूत नींव हम यहां देख रहे हैं. मैं पूरे विश्वास से कहता हूं... हमारा बेस्ट आना अभी बाकी है. ये आपका पांचवां इवेंट है ना... मैं दसवें इवेंट में भी आऊंगा." फिनटेक का एनुअल आयोजन 2020 में शुरू हुआ था. इसके 10वें एडिशन का आयोजन 2029 में होगा. अपने तीसरे टर्म के ढाई महीने में पीएम मोदी ने जो कहा, उसके मायने आर्थिक और सामाजिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक भी हैं.

फिनटेक फेस्टिवल में जाने-माने बैंकर, इंडस्ट्रियलिस्ट और एजुकेशनिस्ट (शिक्षाविद) ने हिस्सा लिया. यहां लीडरशिप रिपोर्ट और व्हाइट पेपर्स लॉन्च किए गए. इनोवेशन से जुड़ी कई अहम जानकारियां शेयर हुईं. लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी का भाषण इस मायने में खास रहा कि उन्होंने बेहद सधे हुए और सरल अंदाज़ में बता दिया कि उनकी लीडरशिप में NDA केंद्र की सत्ता में चौथी बार भी आएगी.

क्या केंद्र में चौथी बार आएगी मोदी सरकार?
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि वह 2029 में रिकॉर्ड चौथे कार्यकाल के लिए सत्ता में वापसी करेंगे. कुछ राजनीतिक पंडितों ने दावा किया था कि हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Elections 2024) में BJP के अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं करने के कारण मोदी की चमक फीकी पड़ गई है, लेकिन प्रधानमंत्री ने ‘फिनटेक'  फेस्ट में साफ मैसेज दिया कि उनके कदम रुकने वाली नहीं हैं. सरकार इसके लिए अभी से प्लानिंग में जुट गई है. 2024 के चुनाव में प्रदर्शन का आकलन करने के बाद पार्टी उन पॉइंट्स पर काम कर रही है, जो कमजोर हैं. साथ ही अपने मजबूत पक्ष पर भी काम कर रही है.

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दरअसल, BJP ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत हासिल किया था. लेकिन, 2024 में उसके सांसदों की संख्या बहुमत के लिए जरूरी 272 के आंकड़े को नहीं छू पाई. सरकार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के दूसरे घटक दलों के समर्थन पर निर्भर है. अगले आम चुनाव अप्रैल-मई 2029 में होने हैं.

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कब शुरू हुआ मोदी सरकार का तीसरा टर्म?
2024 का लोकसभा चुनाव 7 फेज में हुआ था. नतीजे 4 जून को आए थे. इस बार BJP अकेले बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाई. BJP को 240 सीटों पर जीत हासिल हुई. लेकिन NDA के घटक दलों को मिलाकर बहुमत का आंकड़ा (272) पार हो गया. NDA ने 293 सीटें जीती थीं. कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत हासिल की. उसकी अगुवाई वाले विपक्ष के INDIA अलायंस को 234 सीटों पर जीत मिली. नरेंद्र मोदी ने तीसरे प्रधानमंत्री के तौर पर 9 जून को शपथ लिया. उनके साथ 30 नेताओं का भी शपथ ग्रहण हुआ. इसके अगले दिन मोदी कैबिनेट की पहली मीटिंग हुई. 

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कैसा रहा मोदी सरकार का दूसरा टर्म?
-मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण है. 22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी ने इस मंदिर का उद्घाटन किया और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की.
-मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के सबसे बड़े फैसलों में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करना है. सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को खत्म करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस का दर्जा खत्म कर दिया. अब जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है. इसके अलावा इससे लद्दाख को अलग करके एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. BJP ने 2019 लोकसभा चुनाव के अपने संकल्प पत्र (मेनिफेस्टो) में अनुच्छेद 370 को हटाने का वादा किया था.
-मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की एक और बड़ी उपलब्धि तीन तलाक को क्राइम घोषित करना था. संसद में तीन तलाक विधेयक को पारित करवाकर सरकार ने तीन तलाक की शिकार महिलाओं को बड़ी राहत दी. तीन तलाक कानून को मुस्लिम महिला (विवाहों पर अधिकारों का संरक्षण ) अधिनियम, 2019 कहा जाता है. तीन तलाक विधेयक को एक अगस्त 2019 को संसद में पारित कराया गया.
-नारिकता संशोधन अधिनियम को 2019 में संसद में पास किया गया था. इसका उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध) को भारत की नागरिकता देना है. यह कानून राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद 10 जनवरी 2020 से लागू हो गया. 

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पहले टर्म में क्या-क्या रही उपलब्धियां?
-मोदी ने 8 नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी का ऐलान किया. सरकार ने 500 और 1000 हजार रुपये को चलन से बाहर कर दिए. 
कालेधर को रोकने के लिए ये कदम उठाया गया. इसकी जगह पर RBI 100, 200, 500 और 2000 के नए नोट लेकर आई थी. हालांकि, 2000 के नोट अब चलन में नहीं हैं. 
-मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST को लागू किया. ये एक इनडायरेक्ट टैक्स है. माल और सेवा कर अधिनियम 29 मार्च 2017 को संसद में पारित किया गया. GST का मुख्य उद्देश्य देश में 'एक टैक्स सिस्टम' को लागू करना था.
-मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के अंतिम महीनों में अचानक एक विधेयक पेश किया, जिसमें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों को दिए जाने वाले आरक्षण से इतर शिक्षा क्षेत्र और सरकारी नौकरियों में उन सवर्णों, मुस्लिमों व ईसाइयों को भी 10% आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव था. 
-आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को 1 अप्रैल, 2018 से लागू किया गया. इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) आने वाले परिवारों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराया जाना है. 10 करोड़ BPL परिवारों के 50 करोड़ सदस्यों को इस योजना का लाभ देने के बाद इसमें शेष भारतीयों को भी शामिल किया जाएगा.

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-उज्ज्वला योजना मूल रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज बताई जाती है, जिन्होंने करोड़ों संपन्न भारतीयों से रसोई गैस सिलेंडरों पर मिलने वाली सब्सिडी को स्वेच्छा से छोड़ देने की अपील की. केंद्र सरकार का दावा है कि इस अपील के परिणामस्वरूप करोड़ों लोगों ने सब्सिडी का त्याग कर दिया. उसकी बदौलत पांच करोड़ गरीब महिलाओं के रसोईघरों में रसोई गैस पहुंची.
-केंद्र सरकार की सबसे ज़्यादा कामयाब योजनाओं में जन-धन बैंक खाता योजना का ज़िक्र किया जाता है. इससे न सिर्फ करोड़ों भारतीयों को बैंकिंग व्यवस्था से सीधे जुड़ने का मौका मिला, बल्कि योजना से लाभान्वित हुए गरीब देशवासियों ने ज़ीरो-बैलेंस खाते होने के बावजूद 81,203 करोड़ रुपये बैंकों में जमा कराए.
-मुद्रा योजना शुरू के तहत सरकार की ओर से ऋण उपलब्ध कराया जाता है, ताकि लोग अपना व्यापार शुरू कर सकें या पहले से स्थापित व्यापार का विस्तार कर सकें. इस योजना को भी सरकार खासा कामयाब बताती है, और उसका दावा है कि मई, 2018 तक मुद्रा योजना के अंतर्गत 12,78,08,684 ऋण वितरित किए गए हैं.

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-मोदी सरकार ने अपने पहले ही कार्यकाल में 21 सितंबर 2016 को रेल बजट को आम बजट में विलय करने को मंजूरी दी, जिसके बाद एक फरवरी 2017 को पहला संयुक्त बजट पेश किया गया. अंतिम रेल बजट सुरेश प्रभु ने 25 फरवरी 2016 को पेश किया था. एक्वर्थ कमेटी की सिफारिश पर 1924 में रेल बजट को आम बजट से अलग किया गया था.

इसके साथ ही पीएम मोदी के विजन के तहत केंद्र सरकार ने पीएम गरीब कल्याण योजना, पीएम आवास योजना, हर घर जल योजना, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी और नमामि गंगे योजना की भी सौगात देशवासियों को दी. प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन और आत्मनिर्भर भारत अभियान की मजबूत नींव रखी. गरीबों को फ्री राशन देने का भी वादा पूरा किया. उन्होंने देश को वंदे भारत ट्रेनों और नए संसद भवन की सौगात दी. राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किया गया. इस तरह पीएम मोदी ने अंग्रेजी हुकूमत की एक निशानी का अंत किया.


 

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