बिहार की धरती से पीएम मोदी ने दुनिया को अंग्रेजी में दिया संदेश, तोड़ेंगे आतंक के आकाओं की कमर

पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बिहार के मधुबनी में एक कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के आगे झुकेगा नहीं. उन्होंने कहा कि पहलगाम के साजिशकर्ता दुनिया के किसी भी हिस्से में हों, बच नहीं पाएंगे.

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नई दिल्ली:

पहलगाम हमले के तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बिहार पहुंचे. मुधबनी में पंचायती राज दिवस पर आयोजित एक जनसभा को प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया. अपने भाषण के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने आतंक के आकाओं को सख्त संदेश दिया. उन्होंने कहा कि पहलगाम के हमलावरों और उसके साजिशकर्ताओं को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी.  प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण का कुछ हिस्सा अग्रेजी में दिया. उनकी इस कोशिश को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को साफ-साफ संदेश देने की कोशिश माना जा रहा है कि भारत आतंक के आगे झुकने वाला नहीं है. भारत ने यह साफ कर दिया है कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले दुनिया के किसी भी कोने में हों, उन्हें खोजकर सजा दी जाएगी. पहलगाम हमले के बाद यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सार्वजनिक मौजूदगी थी.

टूटेगी आतंक के आकाओं की कमर

प्रधानमंत्री मोदी ने मधुबनी में कहा,'' देश के दुश्मनों ने देश की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है. मैं स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी. सजा मिलकर रहेगी. अब आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है. 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी. 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण का कुछ हिस्सा अंग्रेजी में दिया. इसमें उन्होंने कहा,''आज मैं बिहार की धरती से पूरी दुनिया को कहना चाहता हूं कि भारत सभी सभी आतंकवादियों और उनके आकाओं की पहचान करेगा, उनका पता लगाएगा और उन्हें सजा देगा.हम उनका धरती के अंतिम हिस्से तक पीछा करेंगे. भारत की आत्मा को आतंकवाद से नहीं तोड़ा जा सकता है. आतंकवाद को बिना सजा दिए नहीं छोड़ा जाएगा. '' 

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भारत ने पहलगाम हमले के बाद एक बड़ा और कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान के साथ हुए सिंधु जल समझौते को स्थगति कर दिया है.

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उन्होंने कहा, ''न्याय सुनिश्चित करने के सभी प्रयास किए जाएंगे. इस संकल्प को लेकर पूरा देश अडिग है. हर वो इंसान जिसका मानवता में विश्वास है, वह हमारे साथ है. इस मैं उन सभी देशों और नेताओं का आभार जताता हूं जो इस कठिन समय में हमारे साथ खड़े रहे.'' 

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(Today from the soil of Bihar, I say to the whole world, India will identify, track, and punish every terrorist and their backers. We will pursue them to the ends of the earth. The spirit of India will never be broken by terrorism. Terrorism will not go unpunished.Every effort will be made to ensure that justice is served. The entire nation stands firm in this resolve. Everyone who believes in humanity is with us. I thank the people of various countries and the leaders who have stood with us in these times.)

भारत का अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश

इसके जरिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह आतंक के आगे झुकने वाला नहीं है. उसके इस रुख का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन भी मिला है. अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन, इजरायल, जर्मनी, ईरान और सऊदी अरब समेत दुनिया के कई देशों और मुस्लिम वर्ल्ड लीग जैसे संगठनों ने पहलगाम हमले की निंदा की थी.इन सभी देशों ने भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है. यह हमला ऐसे समय हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं. वेंस ने पीएम मोदी से बात कर पहलगाम हमले की निंदा करते हुए भारत से एकजुटता दिखाई थी. हमले के बाद भी वेंस ने अपनी यात्रा जारी रखी. इस तरह से अमेरिका ने आतंक के आकाओं को मैसेज देने की कोशिश की थी.  

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भारत का अगला कदम क्या होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह रिएक्शन बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक के बाद आया है.इस बैठक में सरकार ने सिंधु जल समझौता को स्थगित करने समेत पांच बड़े फैसले किए थे.इस तरह भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश देने की कोशिश की थी कि पाकिस्तान अगर भारत से संबंध चाहता है तो इसमें आतंकवाद के लिए रत्ती भर जगह नहीं है. भारत के इस फैसले का पाकिस्तान पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा.पाकिस्तान कृषि, पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए इसी समझौते से मिलने वाले पानी पर निर्भर है. भारत ने अपने फैसले से पाकिस्तान पर आर्थिक प्रभाव डालने की कोशिश की है. यह भारत का डिप्लोमैटिक हमला है.पहलगाम हमले के बाद से भारत ने अभी तक कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की है. लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के पुराने रुख को देखते हुए लगता है कि सरकार इस बार बालाकोट हमले से भी कोई बड़ी कार्रवाई पाकिस्तान पर कर सकती है. 

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