पीएम मोदी और शी जिनपिंग लद्दाख में "शीघ्र तनाव घटाने" पर सहमत हुए हैं. विदेश मंत्रालय का कहना है कि ब्रिक्स में पीएम मोदी और शी जिनपिंग लद्दाख में 'तेजी से तनाव घटाने' पर सहमत हो गए हैं.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि, पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति के साथ एलएलसी का मुद्दा उठाया. दोनों नेताओं में इस बात की सहमति बनी कि तनाव जल्द कम किया जाए. यह कोई औपचारिक द्विपक्षीय बातचीत नहीं थी, साइडलाइन्स में ब्रिक्स नेताओं से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने एलएसी का मुद्दा उठाया.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, "...यह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत थी और जैसा कि मैंने कहा कि, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री ने अन्य ब्रिक्स नेताओं के साथ बातचीत की. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ इस बातचीत में प्रधानमंत्री ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला.”
पीएम मोदी ने जब चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से बातचीत की तो क्या उन्होंने उन्हें जी20 के लिए आमंत्रित किया? इस सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने जवाब दिया, इस बातचीत को लेकर जो मुझे कहना था कह दिया, इसमें और कुछ जोड़ने को नहीं है.
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में मई 2020 में हिंसक झड़प के बाद से काफी तनाव बना हुआ है.
विदेश सचिव ने कहा कि, "ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धि छह नए सदस्यों, अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, इथियोपिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करने के लिए अपनी सदस्यता का विस्तार करने का ब्रिक्स नेताओं का निर्णय है."
विनय क्वात्रा ने कहा कि, "उन्होंने (पीएम मोदी) जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने के बारे में जी20 के नेताओं को लिखा था. हमने इसे जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में दृढ़ता से प्रस्तावित किया है. इसलिए, अगर यह सब होता है तो शायद इसे जी21 बनना चाहिए."