'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' कहकर हमारी सभ्यता को कम आंका गया.. आर्थिक विकास पर पीएम मोदी

PM मोदी ने आत्मविश्वास व्यक्त करते हुए कहा, "भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है. जब दुनिया मंदी की बात करती है, तो भारत विकास की कहानियां लिखता है. जब दुनिया विश्वास के संकट का सामना करती है, तो भारत विश्वास का स्तंभ बन जाता है."

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  • PM मोदी ने कहा कि वर्तमान विश्व की अनिश्चितताओं के बीच भारत एक सेतु निर्माता के रूप में उभर रहा है
  • उन्होंने आर्थिक वृद्धि को "हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ" शब्द से जोड़ने की मानसिकता को गुलामी का प्रतिबिंब बताया.
  • पीएम मोदी ने तथाकथित बुद्धिजीवियों पर हर मुद्दे में सांप्रदायिकता खोजने का आरोप लगाया और उनकी आलोचना की.
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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में बोलते हुए कहा कि जब दुनिया बिखरी हुई है, तब भारत एक सेतु निर्माता के रूप में खड़ा है. उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे मोड़ पर हैं जहां 21वीं सदी का एक-तिहाई हिस्सा बीत चुका है और दुनिया ने वित्तीय संकट, वैश्विक महामारी आदि जैसे कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. इन परिस्थितियों ने किसी न किसी रूप में दुनिया को चुनौती दी है. आज दुनिया अनिश्चितताओं से भरी है, लेकिन इन सबके बीच हमारा भारत एक अलग ही स्तर पर दिखाई दे रहा है.

PM मोदी ने आत्मविश्वास व्यक्त करते हुए कहा, "भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है. जब दुनिया मंदी की बात करती है, तो भारत विकास की कहानियां लिखता है. जब दुनिया विश्वास के संकट का सामना करती है, तो भारत विश्वास का स्तंभ बन जाता है."

'कोई हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहता है क्या?'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' शब्दावली पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से ग्रो करने वाली बड़ी इकोनॉमी है. उन्होंने सवाल किया, "आज भारत की जो तेज ग्रोथ हो रही है, क्या कहीं पर आपने पढ़ा, कहीं पर आपने सुना इसको कोई हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहता है क्या? हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कब कहा गया? जब भारत दो-तीन पर्सेंट की ग्रोथ के लिए तरस गया था." उन्होंने इसे गुलामी की मानसिकता का प्रतिबिंब बताया. उन्होंने कहा, "आपको क्या लगता है कि किसी देश की इकोनॉमी ग्रोथ को उसमें रहने वाली आस्था से जोड़ना, उनकी पहचान से जोड़ना... क्या ये अनायास हुआ होगा? जी नहीं, ये गुलामी की मानसिकता का प्रतिबिंब था. पूरे समाज और पूरी परंपरा को गरीबी का पर्याय बना दिया गया, यानी ये सिद्ध करने का प्रयास किया गया कि भारत की धीमी विकास दर का कारण हमारी हिंदू सभ्यता और हिंदू संस्कृति है."

'हर बात में सांप्रदायिकता खोजते रहते हैं...'

PM मोदी ने तथाकथित बुद्धिजीवियों को भी घेरा. उन्होंने कहा कि "आज जो तथाकथित बुद्धिजीवी हर चीज़ में, हर बात में सांप्रदायिकता खोजते रहते हैं, उनको 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' में सांप्रदायिकता नजर नहीं आई. यह टर्म उनके दौर में किताबों का, रिसर्च पेपर का हिस्सा बना दिया गया." रक्षा क्षेत्र पर बोलते हुए PM मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को तबाह कर दिया. उन्होंने याद दिलाया कि भारत गुलामी के काल में अस्त्र-शस्त्र का एक बड़ा निर्माता था और विश्व युद्धों में भी भारत में बने हथियारों का बोलबाला था.

उन्होंने आरोप लगाया कि आज़ादी के बाद हमारा डिफेंस इकोसिस्टम तबाह कर दिया गया, क्योंकि सरकार में बैठे लोग भारत में बने हथियारों को कमजोर आंकने लगे. इस मानसिकता ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस इंपोर्टर के रूप में बना दिया.

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