"आपका संकल्प मेरा संकल्प": चुनाव से पहले कर्नाटक की जनता के लिए पीएम मोदी का संदेश

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, पीएम मोदी ने कहा, "हर कन्नडिगा का सपना मेरा अपना सपना है, आपका संकल्प मेरा संकल्प है."

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पीएम मोदी (फाइल फोटो)

कर्नाटक में बुधवार यानि दस मई को मतदान होना जा रहा है. प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी (PM Modi) ने कर्नाटक के लोगों के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया. पीएम के इस वीडियो को बीजेपी के ट्विटर हैंडल पर अपलोड किया गया है. इस वीडियो संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि मुझे कर्नाटक (Karnataka) के लोगों का बेहद प्यार मिला है, जो कि मेरे लिए ईश्वर के आशीर्वाद की तरह है. भारतवासियों ने भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है. कर्नाटक इसी विकसित भारत के संकल्प को नेतृत्व देने की उर्जा से भरा हुआ है. अभी भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अब हमारा संकल्प देश को टॉप तीन अर्थव्यवस्था में शामिल करना है और ये तभी संभव हो पाएगा जब कर्नाटक की इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ेगी.

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कर्नाटक को वन ट्रिलियन इकॉनमी (One Trillion Economy) बनाने के लिए डबल इंजन की सरकार की जरूरत है. पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि 'आपके सपने मेरे सपने, मिलकर पूरा करेंगे'. बीजेपी की सरकार पूरी ईमानदारी से काम करेगी. अभी कर्नाटक की जनता ने डबल इंजन की सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल को देखा है. बीजेपी सरकार की फोकस और फ्यूचरिस्टिक नीतियां कर्नाटक की अर्थव्यवस्था के विस्तार में खास भूमिका निभा रही है. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बाद भी कर्नाटक में बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान सालाना 90 हजार करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया. जबकि पिछली सरकार के समय यही आंकड़ा सालाना सिर्फ 30 हजार करोड़ रुपये के आसपास था. 

पीएम मोदी ने आगे कहा, "कर्नाटक को नंबर वन बनाने के लिए, मैं आप सभी से 10 मई को जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपना वोट डालने का अनुरोध करता हूं." इससे पहले पीएम मोदी ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार करते हुए कई रोड शो का भी नेतृत्व किया, जिसमें तीन बेंगलुरु में और एक-एक मैसूर, कलबुर्गी और तुमकुरु में हुए. पीएम मोदी ने प्रचार अभियान का नेतृत्व किया है, क्योंकि बीजेपी राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. कर्नाटक में 1985 के बाद से कोई सत्ताधारी पार्टी सत्ता में वापसी करने में विफल रही है. हालांकि बीजेपी ने इस मिथक को तोड़ने का भरोसा जताया है, जबकि विपक्षी कांग्रेस ने भी सत्ता में वापसी के लिए सघन प्रचार अभियान चलाया है.

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